Uttarakhand : चमोली में जारी जिदंगी बचाने की जंग, आपदा से 1500 करोड़ के नुकसान का अनुमान, लापता लोगों को ढूंढेंगे एमआई 17 और चिनूक
हर मिनट के साथ ही लापता लोगों के जिंदा बचने की उम्मीदें क्षीण हो रही हैं। सेना, आईटीबीपी और राज्य प्रशासन लगातार सर्च ऑपरेशन करके लोगों को जल्द सकुशल निकालने की हर मुमकिन कोशिश में लगा हुआ है। उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार के अनुसार जिस टनल में लोग फंस गए हैं उसमे से 80 मीटर तक मलबा हटा दिया है, आगे मशीनें मलवा हटाने के लगी हुई हैं और हमें अब कुछ सफलता मिलने की उम्मीद है।
उत्तराखंड में लोगों की जान बचाने के लिए सेना द्वारा रेस्क्यू ऑपरेशन में उतारे गए चिनूक और एमआई-17 हेलीकॉप्टर्स काफी ताकतवर माने जाते हैं। चिनूक बहुउद्देश्यीय हेलीकॉप्टर है, जिसका इस्तेमाल दुर्गम और ज्यादा ऊंचाई वाले स्थानों पर जवानों, हथियारों, मशीनों तथा अन्य प्रकार की रक्षा सामग्री को ले जाने में किया जाता है। ये 20 हजार फुट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकते हैं तथा 10 टन तक का वजन ले जा सकते हैं।
ये 1962 से प्रचलन में हैं। बोइंग ने समय-समय पर इनमें सुधार किया है, इसलिए आज भी करीब 25 देशों की सेनाएं इनका इस्तेमाल करती हैं। एमआई-17 हेलीकॉप्टर की बात करें तो यह भी काफी एडवांस्ड हेलीकॉप्टर है। इसका ज्यादातर इस्तेमाल ट्विन टर्बाइन ट्रांसपोर्ट हेलीकॉप्टर के साथ-साथ युद्ध में जवानों को मदद मुहैया कराने के लिए किया जाता है।