शिवसेना ने पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में छपे संपादकीय में कहा, 'विश्वविद्यालयों एवं अन्य परीक्षाओं के पेपर लीक होते थे, लेकिन अब, सेना की भर्ती संबंधी प्रश्नपत्र भी लीक हो गया। जब जवान अपनी जान कुर्बान कर रहे हैं, ऐसे में इस पेपर के लीक होने से सरकार की छवि खराब हो गई है।'
संपादकीय में कहा गया है कि मनोहर पर्रिकर फिर से गोवा के मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं और वह पणजी से रक्षा मंत्रालय का कार्यभार संभाल रहे हैं लेकिन कम से कम जब तक वह (रक्षा मंत्री के) पद पर हैं, उन्हें अपना कर्तव्य निभाना चाहिए।
उसने कहा, 'प्रधानमंत्री राष्ट्रवाद एवं बलिदान की बात करते हैं लेकिन उनकी बातें हकीकत में तब्दील होती प्रतीत नहीं होतीं। यदि नोटबंदी में राष्ट्रवाद है, तो सेना की भर्ती में भी ऐसा ही होना चाहिए।'
प्रश्नपत्र लीक कराने वाले रैकेट का शनिवार रात को भंडाफोड़ हुआ था जब महाराष्ट्र एवं गोवा में छापेमारी के बाद 18 लोग गिरफ्तार किए गए थे। तीन और लोगों को कल गिरफ्तार किया गया। इन सभी को ठाणे की एक अदालत ने चार मार्च तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया है। प्रश्न पत्र लीक हो जाने के कारण 26 फरवरी को होने वाली इस परीक्षा को रद्द कर दिया गया था। (भाषा)