जेटली ने शनिवार को कहा, 'देश के विखंडन जैसी चीजें सोचने वाले किसी विचार से मुझे नफरत है। देश की संप्रभुता को बरकरार रखने की रूपरेखा के दायरे में हम वैचारिक तौर पर मतभेद रख सकते हैं, लेकिन अभिव्यक्ति की आजादी आपको इस बात की इजाजत नहीं देती कि आप देश की संप्रभुता पर हमला करें।'
उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी परिसरों में 'हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है।' जेटली ने कहा, 'व्यक्तिगत तौर पर मेरा मानना है कि भारत और किसी भी समाज में अभिव्यक्ति की आजादी पर बहस होनी चाहिए। यदि आप मानते हैं कि आपको देश की संप्रभुता पर हमला करने का हक है तो इससे मुकाबले के लिए अभिव्यक्ति की आजादी मानने के लिए तैयार रहिए।' (भाषा)