कार्यकर्ता ‘अहंकार’ से बचें: अरविन्द केजरीवाल

शनिवार, 14 फ़रवरी 2015 (14:50 IST)
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को दिल्ली के आठवें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली और अपने मंत्रियों, विधायकों एवं कार्यकर्ताओं को ‘अहंकार’ से बचने की सलाह देते हुए दिल्ली को देश का पहला भ्रष्टाचार मुक्त राज्य बनाने का वादा किया।

दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में भारी जनसमूह की मौजूदगी में उपराज्यपाल नजीब जंग ने केजरीवाल तथा छह अन्य मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इन छह मंत्रियों में मनीष सिसौदिया, आसिम अहमद खान, संदीप कुमार, सत्येन्द्र जैन, गोपाल राय और जितेन्द्र सिंह तोमर शामिल हैं।

शपथ समारोह के तुरंत बाद 46 वर्षीय केजरीवाल ने अपने संबोधन में अपनी सरकार की प्राथमिकताएं गिनाई और साथ ही अपनी पार्टी के लागों को अहंकार के प्रति सचेत किया।

उन्होंने कहा, ‘जब इतनी बड़ी सफलता मिल जाए तो अहंकार जाग सकता है। जब अहंकार जाग जाए तो फिर कुछ भी नहीं बचता। ऐसे में सभी मंत्रियों, सभी विधायकों एवं कार्यकर्ताओं को चौकन्ना रहना होगा और सतत यह देखना होगा कि कहीं अहंकार तो नहीं जाग गया।’

केजरीवाल ने भ्रष्टाचार और सांप्रदायिक तत्वों के खिलाफ कदम उठाने, वीआईपी कल्चर को समाप्त करने और दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने की दिशा में प्रयास करने का भी वादा किया।

केजरीवाल ने इस संबंध में पार्टी के कुछ नेताओं की ओर से देश के अन्य राज्यों में ‘आप’ के चुनाव लड़ने को लेकर दिए गए बयानों का जिक्र किया और कहा कि इससे लगता है कि अहंकार आ रहा है।

‘उन्होंने कार्यकर्ताओं को चेताते हुए कहा, 'कांग्रेस को लोगों ने हराया क्योंकि उसमें अहंकार आ गया था। भाजपा को पिछले वर्ष मई में जबरदस्त सफलता मिली लेकिन इस बार चुनाव में उसे लोगों ने हराया क्योंकि भाजपा में अहंकार आ गया था। हमें इससे बचना है।’

केजरीवाल ने कहा कि हम केंद्र सरकार के साथ सकारात्मक एवं रचनात्मक सहयोग चाहते हैं और दिल्ली के विकास के लिए किरण बेदी, अजय माकन समेत भाजपा, कांग्रेस के अच्छे लोगों का सहयोग लेंगे क्योंकि हमें ‘पार्टीबाजी’ नहीं करनी है। 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा में आम आदमी पार्टी ने 67 सीटों पर ऐतिहासिक जीत हासिल की है जबकि तीन सीटें भाजपा को मिली हैं।

केजरीवाल ने कहा, ‘दिल्ली की जनता ने हमें इतना प्यार दिया है। मैंने तय किया है कि पांच साल दिल्ली में ही रहकर तन, मन, धन से अपनी जिम्मेदारी निभाऊंगा।’ उन्होंने कहा कि सरकार घंटे के हिसाब से नहीं चलती है।

अपने वादों को पूरा करने के बारे में मीडिया के सवालों पर उन्होंने कहा कि माइक लगाकर पूछते हैं कि 30 घंटे में करोंगे या 48 घंटे में। ऐसे सरकार नहीं चलती। जितने दिनों में दूसरे दलों ने किया, उससे जल्दी करूंगा। शपथ लेने से पहले ही हमने काम शुरू कर दिया है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अपनी मुलाकात का जिक्र करते हुए दिल्ली के नए मुख्यमंत्री ने कहा कि वह देश चलाएं और दिल्ली चलाने की जिम्मेदारी दिल्ली वालों पर छोड़ दें। हम दिल्ली के विकास के लिए केंद्र के साथ सकारात्मक एवं रचनात्मक सहयोग करेंगे।

अन्ना आंदोलन और भ्रष्टाचार मुक्त भारत का जिक्र करते हुए केजरीवाल ने कहा, ‘पिछली बार जब 49 दिनों की ‘आप’ की सरकार बनी तो हमारे कट्टर विरोधी भी यह मानते हैं कि भ्रष्टाचार खत्म हुआ था। पिछली बार इस बात को लेकर रोमांच था कि हम भ्रष्टाचार खत्म करेंगे, इस बार विश्वास है कि ऐसा होगा। हम पांच वर्षों में दिल्ली को देश का पहला भ्रष्टाचार मुक्त राज्य बनाएंगे।’

भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए लोगों को ‘स्टिंग’ करने की सलाह देते हुए उन्होंने कहा, ‘हम उस भ्रष्टाचार विरोधी टेलीफोन लाइन को फिर से चालू करेंगे जो 49 दिनों की हमारी सरकार के दौरान शुरू की गई थी।’ उन्होंने कहा कि जन लोकपाल विधेयक पास करना जरूरी है और जितनी जल्दी हो सके, हम ‘ जन लोकपाल’ विधेयक पास कराएंगे।

हाल में चर्च और कल एक ईसाई स्कूल पर हुए हमलें की पृष्ठभूमि में केजरीवाल ने कहा कि हम सब मिलकर भाइचारे के साथ रहना चाहते हैं। हाल के दिनों में हमने दिल्ली में कई साम्प्रदायिक घटनाएं देखी। मैं ऐसे लोगों को चेतावनी देना चाहता हूं जो इसके लिए जिम्मेदार हैं। जो इस किस्म की राजनीति कर रहे हैं, लोग उन्हें बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि हम दिल्ली को ऐसा स्थान बनाना चाहते हैं जहां हर मुसलमान, हर ईसाई, हर सिख, हर जैन, हर वर्ग और हर जाति के लोग सुरक्षित महसूस करें।

उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस, दिल्ली सरकार के तहत नहीं आती है लेकिन हम पुलिस से सहयोग लेंगे।

दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा का जिक्र करते हुए केजरीवाल ने कहा कि भाजपा ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का वादा किया था और अब इसका समय आ गया है। ‘मैं समझता हूं कि केंद्र इस वादे को पूरा करेगा।’

उन्होंने कहा, ‘सरकार चलाने के लिए पैसे चाहिए। दिल्ली के सभी व्यापारियों से कहना चाहता हूं कि उन्हें अब कोई तंग नहीं करेगा। आप अपना कारोबार करें। लेकिन साथ ही अपनी इच्छा से टैक्ट भर दें। मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि आपके पैसे की चोरी नहीं होगी। जनता को गले से लगा लो तब जनता अपना विकास खुद कर लेती है।’ दिल्ली के नए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘अच्छी नीयत हो तो इतने पैसे से भी विकास हो सकता है।’

भाजपा की मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार किरण बेदी और कांग्रेस नेता अजय माकन का जिक्र करते हुए केजरीवाल ने कहा, ‘मैं किरण बेदी का काफी सम्मान करता हूं। पुलिस प्रशासन में उनका अच्छा अनुभव है। मैं उनकी सलाह लूंगा। अजय माकन का नीतियां बनाने और सरकार चलाने में अनुभव है, मैं उनका भी सहयोग लूंगा। हम भाजपा एवं अन्य दलों के अच्छे लोगों के साथ मिलकर काम करेंगे। अमीर और गरीब मिलकर काम करेंगे और दिल्ली को आगे बढ़ाएंगे।’

कानून का उल्लंघन करने वाले किसी व्यक्ति को नहीं बख्शे जाने पर जोर देते हुए केजरीवाल ने कहा, ‘कुछ लोग ‘आप’ कार्यकर्ता के रूप में अपने आप को पेश करके छवि खराब करने की कोशिश कर सकते हैं। मैं कानून का अनुपालन करने वाले तंत्र से कहना चाहता हूं कि गैर कानूनी गतिविधियों में शामिल किसी को भी नहीं बख्शा जाए।’

उन्होंने वीआईपी कल्चर समाप्त करने पर भी जोर दिया। रामलीला मैदान में लोगों की भारी भीड़ के बीच केजरीवाल ने कहा कि आज से एक साल पहले 14 फरवरी 2014 को हम लोगों ने इस्तीफा दिया था और एक साल बाद फिर दिल्ली में आम आदमी की सरकार बनी। फर्क सिर्फ इतना है कि पिछली बार 8 सीटों की कमी रह गई थी। इस बार दिल्ली की जनता और उपर वाले ने इस कमी को पूरा कर दिया।

उन्होंने कहा, ‘दिल्ली के लोग हमें प्यार करते हैं, यह मालूम था...लेकिन इतना प्यार करते हैं, यह पता नहीं था। 70 में से 67 सीट मिलना, यह किसी इंसान के काम की वजह से नहीं हो सकता है। यह कुदरत का करिश्मा है। हमें यह समझना होगा कि उपर वाला हमसे कुछ कहना चाहता है, उसकी कुछ मंशा है। हम तो निमित्त मात्र है।’

इससे पहले केजरीवाल दिल्ली से सटे गाजियाबाद के कौशांबी स्थिति अपने घर से अपने परिवार के साथ कार में सवार होकर रामलीला मैदान के लिए निकले। उनके साथ वाहनों के काफिले में उनके भावी मंत्रिमंडल के सहयोगी तथा पार्टी के अन्य पदाधिकारी सवार थे।

पिछली बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के लिए केजरीवाल मेट्रो से रामलीला मैदान पहुंचे थे। ऐतिहासिक रामलीला मैदान में सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की गई थी और करीब तीन हजार सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया था जिनमें दिल्ली पुलिस, आईटीबीपी, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ और एसएसबी के जवान शामिल थे। (भाषा)

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