AIMIM के चीफ असदुद्दीन ओवैसी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में चुनावी नब्ज टटोलने के लिए संभल और मुरादाबाद पहुंचे। इस दौरे के दौरान उन्होंने थर्मामीटर लेकर वोटर के पारे को जानने की कोशिश की है। ओवैसी ओमप्रकाश राजभर के साथ मिलकर यूपी की सियासी लड़ाई में अपनी पार्टी की संभावनाएं तलाश रहे हैं। वेस्ट यूपी के दौरे से पहले वे वाराणसी जौनपुर और आजमगढ़ के दौरे से पूर्वांचल की थाह ले चुके हैं, वहीं सांसद असदुद्दीन ओवैसी संभल पहुंचे तो शहर में दाखिल होने से पहले उन्होंने शेख इमादुल हसन मुल्क दरगाह पर चादर चढ़ाई और फिर कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे।
उन्होंने वर्तमान सरकार पर रोजगार नहीं देने का आरोप लगाया, साथ ही कहा कि सरकार शिक्षा तक नहीं दे पा रही है और स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हैं। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में हजारों लोगों की जान गई है। सरकार जनसंख्या को ताकत बनाने की बजाय कमजोरी बना रही है। यदि ये विधेयक आ जाता है तो महिलाओं का शोषण होगा।
संभल में ओवैसी ने केंद्र और प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि 56 इंच के सीने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सामने मुख्यमंत्री योगी अपनी चला रहे हैं, जबकि जनसंख्या नियंत्रण कानून आर्टिकल 21 के खिलाफ है, यदि यह कानून बना तो इससे महिलाओं का शोषण बढ़ेगा।
जैसे ही लोगों को पता चलेगा कि बच्ची पेट में है तो वह तुरंत गर्भपात करवा लेंगे। यह कानून सिर्फ महिलाओं पर चाबुक चलाने वाला होगा। जब ओवैसी से पूछा गया कि प्रधानमंत्री द्वारा मुख्यमंत्री की तारीफ करते हैं तो उन्होनें कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री असदुद्दीन ओवैसी के मजनू बने हुए हैं। लैला को भूलते ही नहीं।
गौरतलब है कि ओवैसी बिहार के परिणामों से उत्साहित हैं। बिहार से मिली संजीवनी के बाद वे अब यही सफलता उत्तरप्रदेश में दोहराना चाहते हैं। यूपी में वे सपा के परंपरागत वोट बैंक में सेंध लगाकर सफलता हासिल करना चाहते हैं, इसलिए वे कह रहे हैं कि यूपी में इस बार एमवाई समीकरण नहीं बल्कि एटूजेड समीकरण होगा।
समाजवादी पार्टी के मुस्लिम वोट बैंक में वे कितनी सेंधमारी कर पाते हैं, ये तो आगामी विधानसभा चुनाव के बाद ही क्लियर हो पाएगा। हालांकि 2017 यूपी विधानसभा चुनाव में AIMIM के 38 उम्मीदवार लड़े थे, लेकिन एक सीट को छोड़कर बाक़ी 37 सीटों पर पार्टी की ज़मानत ज़ब्त हो गई थी। इस बार AIMIM लगभग 125 सीटों पर चुनाव लड़ने का मन बना रही है। इन सीटों में गोरखपुर, आजमगढ़, जौनपुर, संतकबीर नगर सहित कई जिलों की मुस्लिम बहुल सीटें हैं।