इंजीनियरिंग, विनिर्माण, वाहन, आईटी और बैंक जैसे क्षेत्रों में ऑटोमेशन एक नया चलन है। जैसे-जैसे स्वचालन ऑटोमेशन अपनाने की गति तेज होगी, श्रम गहन क्षेत्र प्रभावित होंगे।
पीपुल स्ट्रांग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी और संस्थापक पंकज बंसल के अनुसार अगले 3-4 सालों में बदलाव होगा। पहला बड़ा प्रभाव विनिर्माण, आईटी और आईटी संबंधित क्षेत्रों, सुरक्षा सेवाओं और कृषि पर दिखेगा।
बंसल ने कहा कि हमारा अनुमान है कि 2021 तक वैश्विक स्तर पर ऑटोमेशन के कारण (मौजूदा) 10 में से 4 नौकरियां खत्म हो जाएंगी। इसमें से प्रत्येक 4 में से 1 भारत में होगा। कुल मिलाकर भारत में 23 प्रतिशत रोजगार की कमी होगी। भारत में विभिन्न क्षेत्रों में सालाना 55 लाख रोजगार सृजित होते हैं लेकिन जरूरी प्रतिभा की कमी से यह पूरा भर नहीं पाता। ऑटोमेशन से यह अंतर और बढ़ेगा।
प्रतिभा प्रबंधन समाधान प्रदाता कंपनी केसी ओसीजी इंडिया के क्षेत्रीय निदेशक फ्रांसीस पदामदान ने कहा कि 5 साल पहले अगर एसेंबली लाइन में 1,500 लोगों के लिए काम होता था, वह घटकर 500 पर आ गया है। इसका कारण कौशल के मुकाबले स्वचालन पर जोर है।