उन्होने कहा कि केंद्र और प्रदेश में दोनों जगह भाजपा की सरकार है। अब मंदिर निर्माण में क्या दिक्कत है। उन्होंने कहा कि रविशंकर समझौते के नाम पर लोगों को मूर्ख बना रहे हैं। महंत ने कहा कि तीन हिस्से में बांटने के लिए 2010 में अदालत का एक निर्णय आया था जिस पर हम लोगों ने पहल की जिससे यह लग रहा था कि राम मंदिर बन जाएगा जिसमें सब कुछ हो गया था लेकिन अशोक सिंघल, विनय कटियार और राम विलास वेदांती इसमें बाधक बन गए। अब जो कुछ भी होगा न्यायालय से होगा।