Anti India campaign in Bangladesh: बांग्लादेश में शेख हसीना को सत्ता से बेदखल करने के बाद वहां एक तरह से भारत विरोधी अभियान भी शुरू हो गया है। वहां हर कोई भारत के खिलाफ जहर उगल रहा है। हिन्दू समेत अन्य अल्पसंख्यकों पर हमले, भारतीय सामान का बहिष्कार और उसे जलाना, बांग्लादेश की सीमा से लगे भारतीय राज्यों में अलगाववादी तत्वों को समर्थन की बात करना, विवादित नक्शा जारी कर असम, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल को अपना हिस्सा बताना, बांग्लादेशियों ये हरकतें किसी संगीन अपराध से कम नहीं है।
हालात यहां तक पहुंच गए : शेख हसीना के शासनकाल में भारत विरोधी गतिविधियों को पूरी तरह हतोत्साहित किया जाता था, लेकिन अब तो अंतरिम सरकार के नेता ही भारत को गरियाने में लगे हैं। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के सलाहकार महफूज आलम ने विजय दिवस पर फेसबुक पर एक विवादित नक्शा साझा किया, जिसमें भारत के पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और असम को बांग्लादेश का हिस्सा दिखाया गया। हालांकि बाद में उसने अपनी पोस्ट डिलीट कर दी। इसी तरह ढाका यूनिवर्सिटी के पूर्व डीन प्रोफेसर शहिदुज्जमां ने बांग्लादेश की सीमा से लगे भारतीय राज्यों में अगवाववाद को बढ़ाने की वकालत की।
बांग्लादेश किस हद तक जा सकता है, इन बयानों से समझा जा सकता है। विदेश सचिव स्तर पर अपना पक्ष रखना ही काफी नहीं होगा। हमें बांग्लादेश को बताना होगा कि हम बांग्लादेश बना सकते हैं तो उसे सबक भी सिखा सकते हैं। हम द्वापर युग में नहीं रह रहे, जो 'शिशुपाल' की 100 गालियों का इंतजार करें। अब चीजें बर्दाश्त से बाहर हो गई हैं। हमें बांग्लादेशियों की हरकतों का जवाब देना ही होगा। अन्यथा भारत के खिलाफ वहां जहर बढ़ता ही रहेगा।