आयकर विभाग अर्नेस्ट एंड यंग, केपीएमजी और प्राइस वाटर हाउस कूपर्स समेत कुछ अन्य के साथ ऑडिट के लिए बातचीत कर रहा है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं बैंकों में मनीलांड्रिंग का पैसा तो नहीं पहुंच गया है।
कर विभाग को वित्तीय खुफिया इकाई से निष्क्रिय खातों, जनधन खातों और शहरी सहकारी बैंकों में बड़ी और संदेहास्पद जमाओं की जानकारी मिल चुकी है। इसके अलावा नोटबंदी के बाद ॠणों का भुगतान नकद में करने, आरटीजीएस हस्तांतरण और अन्य भुगतानों की जानकारी भी ले ली है।