“प्रधानमंत्री को करप्शन से कोई बहुत नफरत नहीं”– सत्यपाल मलिक
“अडानी की कंपनी में 20 हजार करोड़ में रूपए किसने लगाए और नरेंद्र मोदी-अडानी के रिश्ते क्या है?”- राहुल गांधी
“भारत के इतिहास में सबसे भ्रष्ट और कम पढ़ा-लिखा प्रधानमंत्री-उनसे सरकार चलती नहीं है और अहंकार उनका सातवें आसमान पर है”–अरविंद केजरीवाल
यह तीनों बयान देश के तीन अलग-अलग नेताओं के है। बयान भले ही अलग-अगल नेताओं के हो लेकिन सभी के निशाने पर सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी है। बयानों को अगर गौर से देखे तो बयान के जरिए सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उस छवि पर हमला करने के कोशिश की गई, जिसके सहारे भाजपा चुनाव दर चुनाव जीत हासिल करती आई है।
विपक्ष के नेताओं के बयान को औऱ डिकोड करे इससे पहले जरा भाजपा के 2014 से शुरु हुए विजयी अभियान के दो प्रमुख चुनावी नारों पर नजर डालते है।
बहुत हुआ भ्रष्टाचार अबकी बार मोदी सरकार (2014 लोकसभा चुनाव में भाजपा का नारा) सोच ईमानदार, काम दामदार (2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में भाजपा का नारा)
2014 लोकसभा में पहली बार नरेंद्र मोदी के चेहरे के साथ यूपीए सरकार के भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाकर सत्ता में आई भाजपा 2022 मे देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव में पीएम मोदी के चेहरे के साथ उतरी भाजपा ने प्रधानमंत्री की ईमानदारी छवि के सहारे ही रिकॉर्ड तोड़ जीत हासिल की है। बीते लगभह 10 सालों में भाजपा जिस ब्रांड मोदी के सहारे चुनाव दर चुनाव हासिल करती आई है उसका सबसे बड़ा कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनता की बीच एक ईमानदार राजनेता की छवि होना है।
ऐसे में जब अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा ने अपना चुनावी शंखनाद कर दिया है तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार भ्रष्टाचार के मुद्दें पर विपक्ष को घेर रहे है। प्रधानमंत्री सहित भाजपा विपक्ष के नेताओं के लगातार भ्रष्टाचार के मामले में फंसे होने को प्रमुखता से उठा रहे है।
पिछले दिनों मीडिया चैनल के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष को निशाने पर लेते हुए कहा कि “2014 से पहले हेडलाइंस होती थीं कि इस सेक्टर में इतने लाख करोड़ रुपये का घोटाला, भ्रष्टाचार के खिलाफ जनता सड़कों पर उतरी। आज क्या हेडलाइन होती है? भ्रष्टाचार के मामलों में एक्शन के कारण भयभीत भ्रष्टाचारी लामबंद हुए, सड़कों पर उतरे।
वहीं एक दूसरे बयान में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि “कुछ लोग तो भ्रष्टाचार पर हो रही कानूनी कार्रवाई से सुरक्षा मांगने सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए थे, लेकिन कोर्ट ने उन्हें झटका दे दिया और उन्हें वहां से उल्टे पांव लौटना पड़ा।“
2024 लोकसभा चुनाव में भ्रष्टाचार प्रमुख मुद्दा-अगर वर्तमान सियासी परिदृश्य के आधार पर देश की आने वाली राजनीति का अनुमाना लगाया जाए तो इतना तय है कि 2024 के लोकसभा चुनाव का मुद्दा मुद्दा भ्रष्टाचार ही होने जा रहा है। राहुल गांधी सहित पूरा विपक्ष एक सुर में अडानी –हिडनबर्ग की रिपोर्ट पर सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कठघरे में खड़ा कर रहा है। राहुल गांधी अडानी की शैल कंपनी में किसी के 20 हजार करोड़ रूपए इन्वेस्ट करने की बात कहकर सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ईमानदारी छवि को कठघरे में खड़ा कर रहे है।
वहीं कथित शराब घोटाले में फंसे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कहते हैं कि “मैंने 17 Sep, शाम 7 बजे नरेंद्र मोदी जी को ₹1000 Crore दिए हैं. अब कर लो उनको गिरफ़्तार. क्या इस आधार पर उन्हें गिरफ़्तार कर लोगे? ऐसे तो कोई भी खड़ा होकर कुछ भी कह देगा. कहां हैं सुबूत?”,तो वह खुद को पाक-साफ बताने के साथ सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला कर रहे है।
दरअसल विपक्ष अच्छी तरह से जानता है कि अगर उसे 2024 में भाजपा के सामने खड़ा होना है तो पहले उसे उस “मोदी ब्रांड” की छवि से मुकाबला करना होगा जिसके सहारे भाजपा 2014 के बाद से लगातार जीत हासिल करती आ रही है। जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आते जाएंगे भ्रष्टाचार के खिलाफ यह सियासी लड़ाई और होती जाएगी