हाथरस हादसे पर भोले बाबा बोले, होनी को कौन टाल सकता है, जो आया है, उसे जाना ही है

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

गुरुवार, 18 जुलाई 2024 (08:31 IST)
bhole baba hathras stampede : हाथरस में कुछ दिन पहले एक सत्संग के बाद मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत की त्रासद घटना के बाद सुर्खियों में आए स्वयंभू बाबा हरिनारायण साकार उर्फ भोले बाबा ने कहा कि वह हाथरस भगदड़ से बहुत व्यथित हैं। उन्होंने कहा कि नियति में लिखे को कोई टाल नहीं सकता और सभी को एक दिन मरना ही है। ALSO READ: भोले बाबा का फंड मैनेजर था देवप्रकाश मधुकर, सियासी पार्टियों से भी था कनेक्शन
 
सूरजपाल उर्फ भोले बाबा ने असंवेदनशील बयान देते हुए कहा कि वह 2 जुलाई की घटना के बाद से अवसाद ग्रस्त और अत्यंत व्यथित हैं लेकिन होनी को कौन टाल सकता है। जो आया है उसे एक दिन तो जाना भी है।
 
उन्होंने कहा कि हमारे वकील डॉक्टर ए. पी. सिंह और प्रत्यक्ष दर्शियों ने जिस विषैले स्प्रे के बारे में बताया है, वह पूर्णतय: सत्य है, कोई ना कोई साजिश जरूर हुई है। कुछ लोग हैं जो सनातन और सत्य के आधार पर चलने वाले उनके संगठन को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।
 
भोले बाबा ने कहा कि हमें एसआईटी और न्यायिक आयोग पर पूरा भरोसा है तथा मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम के सभी अनुयायियों को भी पूरा भरोसा है कि वे दूध का दूध और पानी का पानी करते हुए साजिशकर्तों को बेनकाब करेंगे।
 
बाबा ने कहा कि हमने महापुरुषों से दिवंगत आत्माओं के परिजनों और इलाज करवा रहे घायलों के साथ जीवन पर्यंत तन-मन-धन से खड़े रहने की अपील की है जिसको सभी महापुरुषों ने अपनी अपनी सामर्थ्य के अनुसार मानना भी शुरू किया है। ALSO READ: हाथरस हादसा : SIT ने सौंपी 300 पेज की रिपोर्ट, बाबा का नाम गायब
 
गौरतलब है कि दो जुलाई को हाथरस के सिकंदराराऊ इलाके में स्वयंभू बाबा सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि उर्फ ‘भोले’ बाबा के सत्संग के बाद मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई थी। राज्य सरकार ने घटना की जांच के लिए एसआईटी और न्यायिक आयोग का गठन किया है। भगदड़ के मामले में दर्ज मुकदमे में बाबा का नाम आरोपी के तौर पर शामिल नहीं था।
 
एसआईटी ने गत जुलाई को राज्य सरकार को सौंपी गयी अपनी रिपोर्ट में भगदड़ के पीछे किसी बड़ी साजिश की आशंका से इनकार नहीं किया। एसआईटी रिपोर्ट में स्थानीय प्रशासन की ओर से चूक की ओर भी इशारा किया गया है। रिपोर्ट में भगदड़ के लिए आयोजकों को जिम्मेदार ठहराया गया है और दावा किया गया है कि उन्होंने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की और प्रशासन की जिम्मेदारी भी तय की गई है।
 
इससे पहले, पुलिस सहित सरकारी एजेंसियों ने आयोजकों को कार्यक्रम में कुप्रबंधन के लिए दोषी ठहराया था, जिसमें कहा गया था कि आयोजकों ने प्रशासन को सत्संग में 80 हजार लोगों के आने की सूचना दी थी मगर वहां ढाई लाख लोगों की भीड़ जुट गई। भगदड़ के सिलसिले में पुलिस ने मुख्य आरोपी देवप्रकाश मधुकर सहित 9 लोगों को गिरफ्तार किया है।
Edited by : Nrapendra Gupta

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