दरअसल, जदयू बिहार की 40 सीटों में से 25 सीटें मांग रही है, जबकि भाजपा उसकी यह शर्त मानने को तैयार नहीं है। इस मामले में भाजपा का मानना है कि वर्तमान में उसके पास 22 लोकसभा सीटें हैं। ऐसे में 22 से कम पर लड़ने का तो सवाल ही नहीं उठता। साथ ही जदयू के पास लोकसभा की मात्र दो सीटें हैं, ऐसे में उसकी मांग तर्कसंगत भी दिखाई नहीं पड़ती।
हालांकि इस संबंध में भाजपा की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन नीतीश के तेवरों को देखते हुए माना जा सकता है कि लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा-जदयू गठजोड़ टूट सकता है। जयदू के सचिव संजयसिंह ने कहा है कि यदि भाजपा गठबंधन नहीं चाहती है तो वह अकेले चुनाव लड़ ले। नीतीश द्वारा लालू को फोन लगाने को भी भाजपा पर दबाव बनाने की राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा है।