भाजपा से रूठे नीतीश ने लालू यादव को फोन लगाया

नई दिल्ली। भाजपा और जनता दल (यू) में सीटों के बंटवारे को लेकर चल रही तनातनी के बीच बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने लालू यादव को फोन लगाकर उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। इसके साथ ही यह अटकलें भी लगने लगी हैं कि नीतीश भाजपा का साथ छोड़कर एक बार फिर महागठबंधन की गोद में बैठ सकते हैं। 
 
दरअसल, जदयू बिहार की 40 सीटों में से 25 सीटें मांग रही है, जबकि भाजपा उसकी यह शर्त मानने को तैयार नहीं है। इस मामले में भाजपा का मानना है कि वर्तमान में उसके पास 22 लोकसभा सीटें हैं। ऐसे में 22 से कम पर लड़ने का तो सवाल ही नहीं उठता। साथ ही जदयू के पास लोकसभा की मात्र दो सीटें हैं, ऐसे में उसकी मांग तर्कसंगत भी दिखाई नहीं पड़ती। 
 
हालांकि इस संबंध में भाजपा की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन नीतीश के तेवरों को देखते हुए माना जा सकता है कि लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा-जदयू गठजोड़ टूट सकता है। जयदू के सचिव संजयसिंह ने कहा है कि यदि भाजपा गठबंधन नहीं चाहती है तो वह अकेले चुनाव लड़ ले। नीतीश द्वारा लालू को फोन लगाने को भी भाजपा पर दबाव बनाने की राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा है। 
नीतीश को गठबंधन से न्योता : बिहार के पूर्व मुख्‍यमंत्री जीतनराम मांझी ने नीतीश को महागठबंधन में लौटने का न्योता इस शर्त पर दिया है कि बिहार में 2020 के विधानसभा चुनाव में मुख्‍यमंत्री का चेहरा तो तेजस्वी यादव ही होंगे। हालांकि उन्होंने कहा कि यदि नीतीश चाहें तो हमारे साथ आकर 25 सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं।
 
इसके साथ ही गुजरात कांग्रेस के नेता और बिहार के प्रभारी शक्तिसिंह गोहिल ने कहा कि नीतीश गठबंधन में लौटते हैं तो उनका स्वागत है। उल्लेखनीय है कि लालू यादव इन दिनों अस्वस्थ चल रहे हैं। 

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