झारखंड चुनाव में भाजपा की करारी हार का सबसे बड़ा साइड इफेक्ट उससे सटे राज्य बिहार में देखने को मिल रहा है। बिहार में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सीटो के बंटवारे को लेकर अब भाजपा और जेडीयू आमने सामने आती दिख रही है। CAA पर मोदी सरकार के फैसले की खुलकर आलोचना करने वाले जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर और बिहार के डिप्टी सीएम सुशील मोदी अब खुलकर आमने सामने आ गए है।
प्रशांत किशोर ने सुशील मोदी को परिस्थितवश का डिप्टी बताते हुए कहा कि नीतीश कुमार का बिहार का मुख्यमंत्री बिहार की जनता ने बनाया है किसी पार्टी या नेतृत्व नहीं। सुशील मोदी पर तंज कसते हुए प्रशांत किशोर ने ट्वीटर पर लिखा कि 2015 में हार के बाद परिस्थितिवश डिप्टी सीएम बनने वाले सुशील मोदी से राजनीतिक मर्यादा औऱ विचारधारा पर व्याख्यान सुनना सुखद अनुभव है। इसके साथ ही प्रशांत किशोर ने भाजपा पर निशाना साधते हुए लिखा कि बिहार में नीतीश कुमार का नेतृत्व और जेडीयू की सबसे बड़े दल की भूमिका बिहार की जनता ने तय किया है,किसी दूसरी पार्टी के नेता या शीर्ष नेतृत्व ने नहीं।
इससे पहले सुशील मोदी ने प्रशांत किशोर पर गठबंधन धर्म के विरूद्ध बयानबाजी और विरोधी गठबंधन को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया था। सुशील मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि 2020 का विधानसभा चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नेतृत्व में लड़ा जाना तय है। सीटों के तालमेल का निर्णय दोनों दलों का शीर्ष नेतृत्व समय पर करेगा कोई समस्या नहीं है। लेकिन जो लोग किसी विचारधारा के तहत नहीं बल्कि चुनावी डाटा जुटाने और नारे गढ़ने वाली कंपनी चलाते हुए राजनीति में आ गए, वे गठबंधन धर्म के विरुद्ध बयानबाजी कर विरोधी गठबंधन को फायदा पहुंचाने में लगे है।
एक ओर जहां नीतीश कुमार गठबंधन में सब ठीक होने का दावा कर रहे है, वहीं दूसरी ओर उनके बाद पार्टी में नंबर दो की हैसियत रखने वाले प्रशांत किशोर CAA को लेकर मोदी सरकार पर हमलावर है। पिछले दिनों प्रशांत किशोर ने कहा था मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही सपष्ट कर सकते हैं कि किन परिस्थितयों में पार्टी ने संसद के दोनों सदनों में बिल का समर्थन किया था। इसके साथ ही प्रशांत किशोर विधानसभा चुनाव में पार्टी को भाजपा से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने की सलाह भी दे चुके है जिसके बाद दोनों ही पर्टियों में गठबंधन को दरार पड़ती दिख रही है।