भाजपा पर बरसे RSS के इंद्रेश कुमार, जो अहंकारी बन गए उन्हें भगवान राम ने 241 पर रोका

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

शुक्रवार, 14 जून 2024 (08:37 IST)
Indresh Kumar attacks bjp : RSS के नेता इंद्रेश कुमार ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि जो पार्टी राम की पूजा करती थी, वह अहंकारी हो गई, ऐसे में 2024 के चुनाव में वह सबसे बड़ी पार्टी बन तो गई, लेकिन जो उसे सत्ता मिलनी चाहिए थी, उसे भगवान राम ने अहंकार के कारण रोक दिया। ALSO READ: मोदी के आभामंडल में डूबे कार्यकर्ता, भागवत के बाद अब आर्गेनाइजर ने दिखाया BJP को आईना
 
उन्होंने कहा कि जो लोग राम का विरोध करते थे, उनमें से किसी को भी सत्ता नहीं मिली, यहां तक कि सभी को मिलाकर दूसरे नंबर पर खड़ा कर दिया गया। भगवान का न्याय बडा सत्य है, बड़ा आनंददायक है। उन्होंने स्पष्ट रूप से सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी इंडिया गठबंधन दोनों पर निशाना साधा। हालांकि, उन्होंने किसी पार्टी का नाम नहीं लिया।
 
कुमार ने कहा कि लोकतंत्र में रामराज्य का विधान देखिए, जिन्होंने राम की भक्ति की, लेकिन धीरे-धीरे अहंकारी हो गए, वह पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, लेकिन जो वोट और सत्ता मिलनी चाहिए थी, उसे भगवान ने अहंकार के कारण रोक दिया।
 
उन्होंने कहा कि भक्ति करने वाली पार्टी अहंकारी हो गई, उसे 241 पर ही भगवान ने रोक दिया, लेकिन उसे सबसे बड़ी पार्टी बना दिया और जिनकी राम में आस्था नहीं थी, उन सबको मिलकर भगवान ने 234 पर रोक दिया।
 
कुमार जयपुर के पास कानोता में ‘रामरथ अयोध्या यात्रा दर्शन पूजन समारोह’ को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जिसने लोगों पर अत्याचार किया, राम जी ने उससे कहा कि 5 साल आराम करो, अगली बार देखेंगे कि तुम्हारे साथ क्या करना है। ALSO READ: मोदी 3.0 सरकार के पहले दिन ही संघ प्रमुख मोहन भागवत की नसीहत के सियासी मायने
 
उन्होंने कहा कि राम ने सबको न्याय दिया, देते हैं और देते रहेंगे, राम हमेशा न्यायप्रिय थे और रहेंगे। राम ने लोगों की रक्षा की और साथ ही रावण का भला भी किया। उन्होंने कहा कि भगवान हनुमान ने कहा था कि राम से बड़ा राम का नाम।
 
आरएसएस नेता ने कहा कि राम हर 100 साल में अपने राज्य में अश्वमेध यज्ञ करते थे, ताकि उनके राज्य में कोई भूखा न रहे, कोई वंचित न रहे, कोई शिक्षा के बिना न रहे, कोई दुखी न रहे। राम का जितना बड़ा राज्य था, आज तक किसी का नहीं हुआ।
 
कुमार का यह बयान आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के उस बयान के कुछ दिनों बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि एक सच्चे 'सेवक' में अहंकार नहीं होता और वह 'गरिमा' बनाए रखते हुए लोगों की सेवा करता है। (भाषा)
Edited by : Nrapendra Gupta

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