क्‍या आप जानते हैं क्‍या होती है ‘ब्‍लॉकचेन तकनीक’, कैसे करती है काम और क्‍यों है आपको जानना जरूरी?

शुक्रवार, 4 फ़रवरी 2022 (15:30 IST)
फाइनेंस मिनिस्‍टर निर्मला ​सीतारमण ने वर्ष 022-23 के बजट में कई घोषणाएं की हैं। इन्हीं में से एक अहम घोषणा डिजिटल करेंसी  को लेकर भी है। वित्त मंत्री ने कहा है कि 2023 में सरकार डिजिटल करेंसी लेकर आएगी।

​केंद्रीय बैंक आरबीआई (RBI) इसे जारी करेगा। जिस तरह से बिटकॉइन, डॉजकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी का बाजार तेजी से फैल रहा है इसी बीच लंबे समय से चर्चा थी कि भारत में डिजिटल करेंसी को मान्यता कब मिलेगी।

बहरहाल इन्हें मान्यता मिले या न मिले, इस बार के बजट में यह साफ हो गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक डिजिटल करेंसी लेकर आएगी। बता दें कि आरबीआई जो डिजिटल रुपया लॉन्च करेगा, वह ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित होगा।

आपको बता दें कि ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित ट्रांजैक्शन्स में कोई गड़बड़ी नहीं की जा सकती है। हर ट्रांजैक्शन का रिकॉर्ड भी पूरी तरह सेव रहता है।

क्या होता है ब्लॉकचेन?
यूरोमनी की रिपोर्ट के मुताबिक, ब्लॉकचेन, किसी भी डिजिटल ट्रांजैक्शन के रिकॉर्ड को बेहद सुरक्षित रखने वाली टेक्नोलॉजी है। इसकी मदद से डिजिटल ट्रांजैक्शन में किसी तरह से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती। यह टेक्नोलॉजी बिजनेस नेटवर्क में किए गए असेट्स के ट्रांजैक्शन का पूरा रिकॉर्ड सेव रखती है।

ब्लॉकचेन नेटवर्क पर सभी ट्रांजैक्शन को वर्चुअली ट्रैक किया जा सकता है। साथ ही इससे ऑनलाइन फ्रॉड को रोकने में भी मदद मिलती है।

मसलन, जब कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को क्रिप्टोकरंसी भेजता है, तो यह ट्रांजेक्शन डेटा कंप्यूटर्स के पास जाता है, जिसके जरिए क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजैक्शन को वेलिडेट किया जाता है और फिर इन्हें डिस्ट्रिब्यूटेड लेजर में शामिल किया जाता है। इस तरह की ट्रांजेक्शन एक ब्लॉक में दर्ज हो जाती हैं।

क्‍यों कहा जाता है ब्लॉकचेन
इस ब्लॉक की साइज करीब 1 एमबी होती है। जब एक ब्लॉक फुल हो जाता है तो उसे Block कर के नया ब्लॉक बनाया जाता है और नए ब्लॉक को पहले वाले ब्लॉक से जोड़ा जाता है। चूंकि यह सारे ब्लॉक एक दूसरे से जुड़े रहते हैं और इनसे एक तरह की चेन बन जाती है, इसी वजह से इसे ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी कहा गया।

किसी भी तरह का बिजनेस सही जानकारी पर काफी निर्भर करता है। जितनी सटीक जानकारी होगी, बिजनेस को उतना ज्यादा फायदा होगा। यहीं पर ब्लॉकचेन का महत्व बढ़ जाता है। ब्लॉकचेन, बिजनेस के लिए जरूरी जानकारी तुरंत उपलब्ध कराता है। एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि ब्लॉकचेन पर शेयर की गई जानकारी ट्रांसपैरेंट होती है और यहां दर्ज हुए रिकॉर्ड कभी बदले नहीं जा सकते। ऑर्डर, पेमेंट और अकाउंट के अलावा ब्लॉकचेन नेटवर्क, अन्य चीजों को भी ट्रैक कर सकता है। इसके जरिए मेंबर एंड-टू-एंड ट्रांजैक्शन की डीटेल भी चेक कर सकते हैं।

काम कैसे करता है ब्लॉकचेन?
ब्लॉकचेन नेटवर्क पर किए गए ट्रांजैक्शन डेटा को ब्लॉक के तौर पर रिकॉर्ड करते हैं। कौन, कहां, कब, क्या और कितना जैसे इन्फॉर्मेशन के रिकॉर्ड्स को डेटा ब्लॉक बहुत अच्छे से दर्ज करता है और सेव रखता है।

ये ब्लॉक्स डेटा की एक चेन यानी कड़ी बना देते हैं. इससे असेट्स के मूवमेंट का भी पता चलता रहता है कि वह कब, कहां पहुंचा और इस वक्त किसके पास है। ट्रांजैक्शन के सीक्वेंस और सही समय को ब्लॉक्स कंफर्म करते हैं।
ये ब्लॉक्स आपस में एक-दूसरे से इस तरह जुड़ जाते हैं कि इनके बीच किसी और ब्लॉक को एंटर नहीं कराया जा सकता। यह इसकी सिक्यॉरिटी को काफी मजबूत बना देता है। हर एडिशनल ब्लॉक पूरे ब्लॉकचेन को भी मजबूत बनाता है।

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