सीबीआई ने 12 साल पुराने दिल्ली हाईकोर्ट के केस बंद करने के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती भी दी थी। सीबीआई का यह कदम हैरान करने वाला है क्योंकि अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कुछ दिनों पहले जांच एजेंसी को सलाह दी थी कि 12 साल पहले बंद मामले को फिर से शुरू करना सीबीआई की साख के लिए घातक हो सकता है।
सीबीआई ने ट्रायल कोर्ट में एप्लीकेशन अंतरराष्ट्रीय निजी इन्वेस्टिगेशन एजेंसी के प्रमुख माइकल हर्शमैन के नए खुलासों के बाद डाली गई है। इस एजेंसी को वीपी सिंह सरकार ने बोफोर्स घोटाले की जांच की जिम्मेदारी दी थी। बोफोर्स गन बनाने वाली स्वीडन की कंपनी पर आरोप था कि उसने 1,473 करोड़ रुपये की इस डील को पाने के लिए 1986 में राजीव गांधी सरकार के दौरान 64 करोड़ की घूस दी थी।
हर्शमैन ने दावा किया कि उसके पास स्विस अकाउंट 'मॉन्ट ब्लैंक' की जानकारी है जिसमें घूस की रकम को जमा किया गया था। सूत्रों के मुताबिक अटॉर्नी जनरल को जब नए खुलासों के बारे में बताया गया तो उन्होंने अपनी सलाह को बदलते हुए सीबीआई को मामले को आगे बढ़ाने को कहा था। कुछ दिनों पहले सीबीआई ने मंत्रालय से नई याचिका दायर करने को लेकर राय मांगी थी।