कठुआ जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर घुसपैठ के बड़े प्रयास को नाकाम करने में गुरनाम की अहम भूमिका रही थी। बात 19-20 अक्टूबर की रात की है। जम्मू के हीरानगर सेक्टर के बोबिया पोस्ट पर गुरनाम तैनात था। अचानक पौने बारह बजे उसकी नजर पड़ती है कि सरहद पर कोई हलचल हो रही है। 150 मीटर कुछ धुंधले चेहरे दिखने लगते हैं। बिना देर किए गुरनाम अपने साथियों को अलर्ट करता है।
बीएसएफ ने पाकिस्तानी गोलीबारी का मुंहतोड़ जवाब देते हुए पाकिस्तान रेंजर्स के सात लोगों और एक आतंकवादी को मार गिराया था। पांच साल पहले बीएसएफ में शामिल हुए, सिख परिवार में जन्मे गुरनाम जम्मू के रणवीरसिंह पुरा इलाके के रहने वाले थे। गुरनाम की दिली ख्वाहिश थी कि बीएसएफ में शामिल हों। इनके भाई और बहन इन्हें अपने आदर्श की तरह देखते हैं।