बनारस की 16 महीने की दुधमुंही चंपक को नए साल का पहला दिन भी बिना मां के गुजारना पड़ा। CAA के विरोध में प्रदर्शन करने पर 19 दिसंबर से जेल में बंद चंपक की मां और पिता को बुधवार को बनारस जिला कोर्ट से जमानत तो मिल गई, लेकिन जेल तक रिहाई के पेपर तय समय तक नहीं पहुंच पाने के कारण उनकी रिहाई नहीं हो सकी। अब मां एकता की रिहाई गुरुवार सुबह होने की संभावना है।
भाजपा सरकार ने नागरिक प्रदर्शनों को दबाने के लिए ऐसी अमानवीयता दिखाई है, एक छोटे से बच्चे को मां-बाप से जुदा कर दिया है। चंपक की तबीयत खराब हो गई है लेकिन भाजपा सरकार की खराब नीयत पर कोई असर नहीं पड़ा है। चंपक के माता-पिता शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने के चलते जेल में हैं। चंपक की रिहाई को लेकर दादी ने पीएम मोदी से भी गुहार लगाई थी।