15000 रुपए खाते में डालेगी मोदी सरकार, कैबिनेट के बड़े फैसले, जानिए क्या है ELI स्कीम और किसे मिलेगा फायदा

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

मंगलवार, 1 जुलाई 2025 (16:50 IST)
मोदी कैबिनेट ने मंगलवार को युवाओं और इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी कई बड़ी योजनाओं को मंजूरी दी है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कुल चार बड़ी योजनाओं को मंजूरी दी है। इसमें रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना को भी हरी झंडी दी गई। केंद्रीय कैबिनेट ने रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी है जिसका लाभ 2 चरण में मिलेगा। इसमें पहले चरण में में पहली बार रोजगार पाने वाले कर्मचारियों को अधिकतम 15000 रुपए 2 किस्तों में दिए जाएंगे। किस्त नौकरी लगने के छठे और 12वीं महीने में मिलेगी। दूसरे चरण में 3000 रुपए प्रति महीने प्रदान किए जाएंगे। पूरी योजना मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में रोजगार को प्रोत्साहन देने पर केंद्रित होगी।
 
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने क्या बताया 
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि कहा कि सरकार इस योजना में कुल 1.07 लाख करोड़ रुपए खर्च करेगी। इसका उद्देश्य सभी क्षेत्रों में रोजगार सृजन, रोजगार क्षमता में वृद्धि और सामाजिक सुरक्षा को बढ़ावा देना है। इसमें मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
2 साल में 3.5 करोड़ नौकरियां
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। इस योजना का उद्देश्य दो साल में देश में 3.5 करोड़ से अधिक नौकरियों के सृजन को प्रोत्साहन देना है। इसके अलावा यह योजना पहली बार नौकरी करने वाले कर्मचारियों को भी प्रोत्साहन देगी।
 
पहली बार नौकरी करने वाले अतिरिक्त कर्मचारियों पर 2 साल तक 3,000 रुपए प्रति माह तक का प्रोत्साहन दिया जाएगा। नियोक्ताओं को 1 लाख रुपए तक के वेतन वाले कर्मचारियों के संबंध में प्रोत्साहन दिया जाएगा। विनिर्माण क्षेत्र के लिए नियोक्ताओं को प्रोत्साहन का विस्तार तीसरे और चौथे साल भी दिया जा सकता है।
 
जानिए क्या है पूरी योजना  
ईएलआई योजना की घोषणा केंद्रीय बजट 2024-25 में प्रधानमंत्री की पांच योजनाओं के पैकेज के हिस्से के रूप में की गई थी, जिसका उद्देश्य 4.1 करोड़ युवाओं को रोजगार, कौशल और अन्य अवसर प्रदान करना है, जिसका कुल बजट परिव्यय 2 लाख करोड़ रुपए है। 
 
99,446 करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ, ईएलआई योजना का उद्देश्य 2 वर्षों की अवधि में देश में 3.5 करोड़ से अधिक नौकरियों के सृजन को प्रोत्साहित करना है। इनमें से 1.92 करोड़ लाभार्थी पहली बार कार्यबल में प्रवेश करने वाले होंगे। योजना का लाभ 01 अगस्त 2025 से 31 जुलाई, 2027 के बीच सृजित नौकरियों पर लागू होगा। 
पहली बार काम करने वालों को दो किस्तों में एक महीने का वेतन 15,000 रुपए तक मिलेगा
 
इस योजना में दो भाग हैं, जिसमें भाग ए पहली बार नौकरी करने वालों पर केंद्रित है और भाग बी नियोक्ताओं पर केंद्रित है। 
 
भाग ए : पहली बार नौकरी करने वालों को प्रोत्साहन: 
 
ईपीएफओ के साथ पंजीकृत पहली बार नौकरी करने वाले कर्मचारियों को लक्षित करते हुए, यह भाग दो किस्तों में 15,000 रुपए तक का एक महीने का ईपीएफ वेतन प्रदान करेगा। 
 
1 लाख रुपए तक के वेतन वाले कर्मचारी पात्र होंगे
1 लाख रुपए तक के वेतन वाले कर्मचारी पात्र होंगे। पहली किस्त 6 महीने की सेवा के बाद और दूसरी किस्त 12 महीने की सेवा और कर्मचारी द्वारा वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम पूरा करने के बाद देय होगी। बचत की आदत को प्रोत्साहित करने के लिए, प्रोत्साहन का एक हिस्सा एक निश्चित अवधि के लिए जमा खाते के बचत साधन में रखा जाएगा और कर्मचारी द्वारा बाद की तारीख में निकाला जा सकता है। भाग ए से लगभग 1.92 करोड़ पहली बार नौकरी करने वाले कर्मचारियों को लाभ होगा।
 
भाग बी : नियोक्ताओं को सहायता :
 
यह भाग सभी क्षेत्रों में अतिरिक्त रोजगार सृजन को कवर करेगा, जिसमें विनिर्माण क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। नियोक्ताओं को 1 लाख रुपए तक के वेतन वाले कर्मचारियों के संबंध में प्रोत्साहन मिलेगा। सरकार नियोक्ताओं को कम से कम छह महीने तक निरंतर रोजगार वाले प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी के लिए दो साल के लिए प्रतिमाह 3000 रुपए तक का प्रोत्साहन देगी। विनिर्माण क्षेत्र के लिए, प्रोत्साहन तीसरे और चौथे वर्ष तक भी बढ़ाया जाएगा।
 
खेलो भारत नीति को मंजूरी 
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि हमारा लक्ष्य देश को खेल के मामले में दुनिया के टॉप 5 देशों में शामिल करना है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने समग्र ‘खेलो भारत नीति’ को मंजूरी दी है। 1984 में पहली बार राष्ट्रीय खेल नीति लागू की गई थी। इसके बाद 2001 में नई स्पोर्ट्स पॉलिसी जारी की गई। अब केंद्र सरकार खेल भारत नीति 2025 को लागू करेगी जिसके तहत युवाओं को खेलों के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। 
 
अनुसंधान और नवाचार योजना
वै‍ष्णव ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अनुसंधान, विकास और नवाचार योजना को मंजूरी दी है। इस योजना में सरकार 1 लाख करोड़ रुपए खर्च करेगी। इसके तहत युवाओं को शोध और इनोवेशन के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। 
 
फोर लेन निर्माण की मंजूरी 
मोदी कैबिनेट ने तमिलनाडु में 1,853 करोड़ रुपए की लागत से 4-लेन के परमकुडी-रामनाथपुरम खंड (46.7 किलोमीटर) के निर्माण को मंजूरी दी है। इस समय मदुरै, परमकुडी, रामनाथपुरम, मंडपम, रामेश्वरम और धनुषकोडी के बीच संपर्क मौजूदा दो-लेन राष्ट्रीय राजमार्ग 87 (एनएच-87) और संबंधित राज्य राजमार्गों पर निर्भर है।
 
एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि परियोजना परमकुडी से रामनाथपुरम तक एनएच-87 के लगभग 46.7 किलोमीटर हिस्से को चार-लेन में बदलेगी। इससे सड़क पर भीड़भाड़ कम होगी, और सुरक्षा में सुधार होगा। साथ ही इससे रामेश्वरम और धनुषकोडी में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और व्यापार तथा औद्योगिक विकास के नए रास्ते खुलेंगे। इनपुट एजेंसियां Edited by : Sudhir Sharma

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