कश्मीर के कुपवाड़ा जिले नें गुरुवार की सुबह आतंकवादियों ने सेना के कैम्प पर घात लगाकर हमला कर दिया। जिसका सेना के जवानों ने मुंहतोड़ जवाब दिया। इस मुठभेड़ में दो आतंकी मारे गए, वहीं मेजर समेत सेना के दो जवान शहीद हो गए।
इस आतंकी हमले में कानपुर के जाजमऊ के डिफेंस कॉलोनी निवासी कैप्टन आयुष यादव शहीद हो गए। बेटे की शहादत की खबर उनके घर सुबह पहुंची तो परिजनों में हाहाकार मच गया। मां सुशीला देवी बेसुध थीं, रो-रोकर मोदी सरकार को कोस रहीं थीं।
इस दुखी मां ने कहा कि कब तक माताएं अपने बेटों की शहादत देती रहेंगी। सरकार को अब पाकिस्तान को सबक सिखाना चाहिए। मोदी जी 125 करोड़ जनता की भावनाओं को समझें और मेरे बेटे के कातिलों को सजा दें। शहीद सैनिक की माँ और बहन का रोरोकर बुरा हाल है। शहीद सैनिक की माँ का रोते रोते सिर्फ यही कह रही है की सिर्फ एक बार अपने बेटे को देखना है।
हम तो देश के लिए ही जीते हैं और मरते हैं : शहीद कैप्टन के पिता अरुणकांत सिंह यादव चित्रकूट कोतवाली थाने में सब इंस्पेक्टर के पद पर तैनात हैं। वह पंद्रह दिन पहले बेटी की शादी के चलते अवकाश लेकर यहीं अपने घर कानपुर में थे। सेना के अफसरों ने शहीद की जानकारी उनके पिता को दी तो वह गश खाकर बेहोश हो गए। पिता रो-रोकर यही कह रहे थे कि कल बेटे से फोन पर बात हुई थी। उसने कहा था कि पापा यहां महौल थोड़ा खराब है पर आप चिन्ता नहीं करना। हम युनिट के साथ हैं और किसी भी साजिश से निपटने के लिए तैयार हैं।