अधिकारियों ने कहा कि इनमें से पहला मामला जम्मू-कश्मीर के सरकारी कर्मचारियों का स्वास्थ्य देखभाल बीमा योजना निजी कंपनी को सौंपने और साल 2017-18 में तकरीबन 60 करोड़ रुपए जारी करने से संबंधित है और दूसरा मामला कीरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट के सिविल कार्यों के लिए 2,200 करोड़ रुपए का ठेका एक निजी फर्म को वर्ष 2019 में दिए जाने से संबंधित है।
अधिकारियों ने कहा कि छापेमारी जम्मू, श्रीनगर, दिल्ली, मुंबई, नोएडा, त्रिवेंद्रम (केरल), दरभंगा (बिहार) में स्थित आरोपियों के परिसर में की गई, जिनमें निजी कंपनियों के तत्कालीन अध्यक्ष, तत्कालीन एमडी, चिनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (सीवीपीपीपीएल) के निदेशक इत्यादि शामिल हैं।