जांच से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने मामले के संबंध में कल तक एक कोचिंग सेंटर के मालिक, 18 छात्रों और ट्यूशन पढ़ाने वाले कुछ शिक्षकों समेत 35 लोगों से पूछताछ की। उन्होंने बताया कि पुलिस ने गुरुवार को सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक से दो घंटे तक बातचीत की ताकि परीक्षा कराने की प्रक्रिया समझी जा सके।
अधिकारी ने बताया कि प्रश्न पत्र कैसे तैयार होता है, प्रश्न पत्र कहां रखे जाते हैं और विभिन्न परीक्षा केंद्रों तक उन्हें कैसे वितरित किया जाता है, इसके बारे में चर्चा की गई।
दिल्ली पुलिस ने दो मामले दर्ज किए हैं। इकॉनोमिक्स का पेपर लीक होने के संबंध में पहला मामला27 मार्च को और गणित का पेपर लीक होने का मामला 28 मार्च को दर्ज किया गया। सीबीएसई के क्षेत्रीय निदेशक की शिकायत पर ये मामले दर्ज किए गए। ये मामले आपराधिक विश्वासघात, धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश के आरोप में दर्ज किए गए हैं।
शिकायत के अनुसार, मेल में व्हाट्सएप पर कथित तौर पर लीक हुए गणित के पेपर की हाथ से लिखी प्रति भी अटैचमेंट के रूप में भेजी गई थी। मामले की जांच के लिए पुलिस के दो उपायुक्तों, चार सहायक पुलिस आयुक्तों और पांच निरीक्षकों का एक विशेष जांच दल गठित किया गया है। यह दल संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) की निगरानी में काम कर रहा है। (भाषा)