लोकसभा में कांग्रेस के शशि थरूर ने सूचना का अधिकार (संशोधन) विधेयक 2019 पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि यह विधेयक 2005 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार इस मंशा से लाई थी कि प्रशासन में पारदर्शिता रहे और जो भी नागरिक सरकार के निर्णयों की जानकारी हासिल करना चाहता है, उसे निर्धारित समय पर सूचना मिल सके।
उन्होंने कहा कि इस कानून के प्रावधान इस सरकार को रास नहीं आ रहे। सरकार के काम की सूचना लोग हक से मांगे, यह इस सरकार को अच्छा नहीं लग रहा है इसलिए वह इस कानून पर संशोधन विधेयक लाई है। सूचना पाना देश के हर नागरिक का अधिकार है। आम लोगों के हित में सरकार को इस विधेयक को वापस लेना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सूचना के अधिकार के तहत सरकार की जिम्मेदारी तय होती है और इससे शासन में लोगों की भागीदारी सुनिश्चित होती है। लेकिन सरकार आम आदमी की इस भागीदारी पर कुठाराघात कर रही है और उसके हक को छीना जा रहा है। इस विधेयक के पारित होने पर सरकार की बहुत-सी बातें छिपी रह जाएंगी और लोग सूचना के अधिकार के तहत यह सूचना हासिल नहीं कर पाएंगे। (वार्ता)