पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अनुसार ग्रहण के दौरान चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया धीरे-धीरे बढ़ती जाएगी और यह तीन बजकर एक मिनट पर सबसे बड़े आकार में दिखेगा। इस दौरान चंद्रमा का आधे से थोड़ा ज्यादा हिस्सा पृथ्वी की छाया से पूरी तरह ढक जाएगा। अरुणाचल प्रदेश के सुदूर उत्तर-पूर्वी हिस्से को छोड़कर भारत के अन्य सभी स्थानों से आंशिक चंद्र ग्रहण देखा जा सकेगा।
इसे ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका तथा दक्षिणी अमेरिका के ज्यादातर हिस्सों, सुदूर उत्तरी स्केंडिनेविया को छोड़कर पूरे यूरोप तथा पूर्वोत्तर को छोड़कर समूचे एशिया में भी देखा जा सकेगा। आंशिक चंद्र ग्रहण दो घंटा 59 मिनट तक रहेगा। इसके बाद भारत में अगला चंद्र ग्रहण 26 मई, 2021 को दिखाई देगा।