वह कहते हैं कि लैंडर विक्रम की सॉफ्ट लैंडिंग 8 बार धरती पर सफलतापूर्वक की जा चुकी थी, धरती पर तो गुरुत्वाकर्षण चंद्रमा से 6 गुना अधिक है और यहां पर हवा भी है ऐसे में जब लैंडर विक्रम को 6 गुना ज्यादा पर चेक करके देख लिया गया था, तो ऐसे में ऐसा कोई रीजन नहीं बनता कि लैंडर विक्रम की चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग नहीं हो सके। वह जोर देकर कहते हैं कि लैंडर विक्रम की सॉफ्ट लैंडिंग तो होना ही थी, ऐसे में अगर कम्युनिकेशन लिंक फेलियर हुआ है और उसका संपर्क टूटा है तो मेरी नजर में इस पूरे सिस्टम को हैक कर लिया गया हो।