काला टॉप पहाड़ी पर कैसे भारतीय सेना ने खदेड़ा चीनी सेना को, Inside Story

मंगलवार, 1 सितम्बर 2020 (22:47 IST)
चीन (China) धूर्तता और धोखबाजी से अपनी विस्तारवादी नीति को अंजाम देने की कोशिशों में लगा हुआ है। LAC पर चीनी सेना कई बार घुसपैठ की कोशिश कर चुकी है, लेकिन भारतीय सेना ने उसे मुंहतोड़ जवाब दिया। 29-30 अगस्त की रात चीनी सैनिकों को उनकी हिमाकत का जवाब भारतीय के जाबांजों ने दिया था, लेकिन बेशर्म चीन बाज नहीं आया।

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मीडिया की खबरों के अनुसार सोमवार रात के अंधेरे में चीनी सेना ने फिर भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की कोशिश की। इस बार चीन की साजिश काला टॉप और हेलमेट टॉप में घुसपैठ की थी, लेकिन भारतीय सैनिकों की नजरों से उसकी हरकत छुप नहीं सकी। भारतीय सैनिकों को चीनी सैनिकों को खदेड़ दिया।

मीडिया खबरों के अनुसार भारतीय सेना को चीन की हरकतों की जानकारी पहले से थी। भारतीय सेना की स्पेशल ऑपरेशंस यूनिट, सिख लाइट इन्फेंट्री ने 29-30 अगस्त की रात को चीन की साजिश को विफल किया था। पिछले एक हफ्ते से ही भारत ने सीमा पर एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल को तैनात किया हुआ है, जिससे चीनी इलाकों पर निशाना बनाया जा सकता है।
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स्पेशल बटालियन की तैनाती : चीन की कोशिश के बाद भारतीय सेना ने पैंगोंग से झील के आसपास कई सामरिक स्थानों पर अपनी उपस्थिति बढ़ा दी है। विशेष सीमा बल की एक बटालियन भी तैनात की गई थी। थल सेनाध्यक्ष जनरल एम एम नरवणे ने सेना मुख्यालय में एक उच्च-स्तरीय बैठक में पूर्वी लद्दाख की समग्र स्थिति की समीक्षा की। 
वायुसेना की पैनी नजर : सूत्रों ने कहा कि वायुसेना को पूर्वी लद्दाख में एलएसी के पास चीन की बढ़ती हवाई गतिविधियों की निगरानी बढ़ाने के लिए भी कहा गया है। ऐसी खबरें हैं कि चीन ने होतन एयरबेस में लंबी दूरी की क्षमता वाले जे-20 युद्धक विमान और अन्य साजोसामान तैनात किए हैं। यह बेस पूर्वी लद्दाख से करीब 310 किलोमीटर दूर है। भारतीय वायुसेना ने पिछले तीन महीनों में अपने सभी महत्वपूर्ण युद्धक विमानों जैसे सुखोई 30 एमकेआई, जगुआर और मिराज 2000 विमान पूर्वी लद्दाख में प्रमुख सीमावर्ती हवाई ठिकानों और एलएसी के पास तैनात किए हैं।
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हरकतों से इंकार : चीन हर बार मुंह की खाने के बात इस बात से इंकार कर देता है कि उसने LAC पर कोई उल्लंघन नहीं किया। शांति का दिखावा करने के लिए वह भारत के साथ कमांडर स्तर की बातचीत भी करता है, लेकिन वह अपनी धोखा देने वाली नीति से बाज नहीं आता।

15 जून को गलवान में चीनी और भारत के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इसमें 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। कई चीनी सैनिकों की भी जान इस हिंसक झड़प में गई लेकिन चीन इससे इंकार करता रहा। सोशल मीडिया पर एलएसी पर चीनी सैनिकों की कब्रों की तस्वीरें सामने आई हैं। चीन ने भारत पर ‘उल्लंघन’ और ‘उकसावे’ आरोप लगाए हैं। चीन यह समझने में भूल कर रहा है  कि इस बार उसे भारत की ओर माकूल जवाब मिलेगा। चीन अब पैंगोंग से झील की दक्षिणी तरफ विवाद शुरू कर रहा है। 
 
खबरों के अनुसार चीन से जारी तनाव के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह विदेश मंत्री एस जयशंकर, एनएसए अजित डोभाल, सीडीएस जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक की। यह बैठक करीब 2 घंटे चली। 
 
भारत ने दी समझाइश : भारतीय विदेश मंत्रालय के मुताबिक भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ गया था। 29-30 अगस्त की रात के बाद चीनी सैनिकों ने सोमवार की रात को भी घुसैपठ की कोशिश की।
 
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि तनाव कम करने के लिए दोनों देशों के बीच सैन्य स्तर की बातचीत जारी है। बातचीत के बीच चीन ने फिर घुसपैठ की कोशिश की। उन्होंने कहा कि ऐसी कार्रवाई दोनों देशों के विदेश मंत्रियों और विशेष प्रतिनिधियों के बीच बनी सहमति की भी पूर्ण अनदेखी है।
 
श्रीवास्तव ने कहा कि हमने राजनयिक और सैन्य माध्यमों से चीनी पक्ष के समक्ष हाल के उकसावे वाली और आक्रामक कार्रवाई के विषय को उठाया है और उनसे अपील की है कि वे अपने अग्रिम पंक्ति के सैनिकों को ऐसी उकसावे वाली कार्रवाई के संबंध में अनुशासित एवं नियंत्रित रखें। (एजेंसियां)

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