नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान में बड़े स्तर पर मनुष्यों के लिए दुश्वारियां पैदा करने वाली और वैश्विक स्तर पर गेहूं की आपूर्ति बाधित करने वाली भीषण गर्मी की संभावना, मानव द्वारा जनित जलवायु परिवर्तन के कारण 30 गुना ज्यादा रही।
भारत, पाकिस्तान, फ्रांस, अमेरिका, ब्रिटेन समेत कई देशों के 29 वैज्ञानिकों ने रैपिड एट्रिब्यूशन स्टडी में बताया कि पहले इस तरह मौसम में अचानक बदलाव की संभावना 3000 साल में औसतन एक बार होती थी। लेकिन जब से इंसानी हरकतों की वजह से क्लाइमेट चेंज शुरु हुआ है और वैश्विक तापमान में 1.2 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हुई है।