Chardham Yatra: चारधाम यात्रा (Chardham Yatra) के प्रथम चरण में ही श्रद्धालु बड़ी संख्या में आने का रिकॉर्ड बन रहा है। भीड़ के बढ़ने से उत्तराखंड (Uttarakhand) सरकार के माथे पर चिंता की लकीरें उभरनी शुरू हो गई हैं जिसके चलते चारधाम यात्रा की यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं के ऑनलाइन (online) पंजीकरण फिलहाल बंद कर दिए गए हैं। वहीं बिना पंजीकरण धाम की तरफ रुख करने वाले भक्तों को ऋषिकेश और हरिद्वार में रोकने के बाद भी चारधाम यात्रा में आने वाली कठिनाई दूर नहीं हो पा रही है।
पुष्कर सिंह धामी ने श्रद्धालुओं से परेशानियों को जाना : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लोकसभा चुनाव के लिए अन्य राज्यों में प्रचार की कमान संभाले हुए थे। जैसे ही उन्हें सूचना मिली कि चारधाम यात्रा में कठिनाई आ रही है, वे तुरंत देहरादून सचिवालय की तरफ कूच कर गए और यहां उन्होंने उच्चाधिकारियों के साथ बैठक की और उसके बाद बड़कोट रवाना होकर चारधाम के लिए आए श्रद्धालुओं से बातचीत करके परेशानियों को जाना।
अब यात्रा सुखद और सुचारु रूप से चालू हुई : अचानक से सीएम को अपने बीच पाकर दूसरे राज्यों से आए लोग गद्गद् हो गए और उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के साथ इस यादगार पल को मोबाइल में कैद कर लिया। मुख्यमंत्री की इस पहल का यह परिणाम सामने आया कि अब यात्रा सुखद और सुचारु रूप से चालू हो गई है।
चारों धामों की यात्रा 10 व 12 मई को कपाट खुलने के साथ शुरू हो चुकी है। इस बार गत वर्ष की तुलना में यात्रियों की संख्या नया कीर्तिमान बनाने को आतुर है। गत वर्ष जब यमुनोत्री धाम के कपाट खुले थे तो कुल 6,838 श्रद्धालु आए थे। इस वर्ष 2024 में कपाट खुलने वाले दिन 12,193 यात्री पहुंचे हैं यानी श्रद्धालुओं की संख्या दोगुनी हो गई। इसी तरह केदारनाथ धाम में 2023 वर्ष में कपाट खुलने के समय 18,335 थे और अब 2024 वर्ष लगभग 75 प्रतिशत ज्यादा लगभग 29 हजार श्रद्धालु मौजूद रहे।
5-7 घंटे का इंतजाम करना पड़ रहा : कुल मिलाकर अनुमान से कहीं ज्यादा श्रद्धालु चारधाम में पहुंचने के कारण यात्रा में कठिनाई आ रही है। यमुनोत्री धाम के अंतिम पड़ाव जानकीचट्टी से पीलीगाड़ के बीच 35 किमी संकरे मार्ग की तरफ बढ़ने के लिए श्रद्धालुओं को 5-7 घंटे का इंतजाम करना पड़ रहा है। यहां पर वनवे गेट सिस्टम लागू होने के चलते यात्रा में समय लग रहा है।
गंगोत्री धाम में मात्र 100 किमी दूरी तय करने के लिए 12 घंटे का समय लग रहा है, क्योंकि वनवे गेट सिस्टम लागू होने के कारण राजमार्ग गंगनानी और भैरव घाटी पर जगह जगह यात्रा धीमी गति से आगे बढ़ रही है। इस पड़ाव में जहां भी तीर्थ यात्री वाहनों को रोका जा रहा है, वहां पर खुद धामी और उनके उच्चाधिकारी मुआयना कर रहे हैं। सीएम ने निर्देश दिए हैं कि यात्रा के दौरान जहां भी यात्रियों के वाहनों को आगे जाने से रोका जा रहा है, वहां खाने-पीने और रहने का पर्याप्त बंदोबस्त हो।
रील बनाना प्रतिबंधित रहेगा : धार्मिक यात्रा में श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी नहीं होनी चाहिए, वहीं बिना पंजीकरण के आए लोगों को उत्तरकाशी से आगे नही जाने दिया जाए। यूट्यूबर्स धाम की परिधि से 50 मीटर दूर रहेंगे। यहां रील बनाना प्रतिबंधित रहेगा।
चारधाम यात्रा को सुचारु और शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए मुख्यमंत्री धामी ने कमर कस ली है। उनका कहना है कि कुछ लोग यात्रा को षड्यंत्र करके बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन हमारी सरकार कटिबद्ध है कि इस यात्रा की पवित्रता और पहचान बनी रहे। हम इस पर आंच नहीं आने देंगे। इसके लिए मैंने उच्चाधिकारियों को आदेश दे दिए है कि यदि कोई दिक्कत आए तो हम कठोर निर्णय लेने से पीछे हटने वाले नहीं हैं।
उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था के लिए चारधाम यात्रा बेहद महत्वपूर्ण : उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था के लिए चारधाम यात्रा बेहद महत्वपूर्ण है। हमारी सरकार के साथ स्थानीय जनता भी लाभान्वित होती है। सबके सहयोग के चलते सभी कठिनाइयों को पार करते हुए चारधाम यात्रा को आगे बढ़ाया जा रहा है।