अरुणाचल के फैसले पर माफी मांगे भाजपा : कांग्रेस

बुधवार, 13 जुलाई 2016 (14:24 IST)
नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी ने उच्चतम न्यायालय द्वारा अरुणाचल में उसकी सरकार बहाल करने का फैसला सुनाए जाने का स्वागत करते हुए भाजपा से माफी मांगने को कहा है।
 
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इस फैसले पर उच्चतम न्यायालय का शुक्रिया अदा करते हुए ट्विटर पोस्ट पर कहा कि प्रधानमंत्री को लोकतंत्र का पाठ पढ़ाने के लिए उच्चतम न्यायालय का धन्यवाद।
 
कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा कि देश में राज्यपाल संघ के कार्यकर्ता की तरह काम कर रहे हैं। अल्वी ने 'आज तक' से बातचीत में कहा कि बीजेपी जोड़-तोड़ की राजनीति करती है, दूसरी पार्टियों के विधायकों को बीजेपी में शामिल किया जाता है, यह गलत है।
 
अल्वी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला लोकतंत्र की जीत है। राज्यपाल केंद्र के इशारे पर काम कर रहे हैं। केंद्र सरकार ने देश में ऐसे हालात पैदा कर दिए हैं कि लोकतंत्र को खतरा पैदा हो गया है।
 
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद अब नरेन्द्र मोदी और अमित शाह को कांग्रेस से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने जिस असंवैधानिक तरीके से अरुणाचल की चुनी सरकार को हटाया था उसे बुधवार को न्यायालय ने गलत साबित कर दिया। 
 
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि शीर्ष अदालत के बुधवार के फैसले से भाजपा सरकार को यह सबक लेना चाहिए कि चुनी हुई सरकारों को जबरन हटाना गलत होता है।
 
कांग्रेस के साथ ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी शीर्ष अदालत के बुधवार के फैसले को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। केजरीवाल ने ट्विटर पर कहा कि प्रधानमंत्री मोदी तानाशाह की तरह काम कर रहे हैं। पहले उत्तराखंड और अब अरुणाचल में मोदी सरकार को करारा तमाचा लगा है। उम्मीद है कि केंद्र सरकार अब इससे सबक लेगी। लोकतंत्र को चलने देगी। 
 
केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार पार्टियों को तोड़ने और राष्ट्रपति शासन लगाने की नापाक कोशिश में है, लेकिन उच्चतम न्यायालय के बुधवार के फैसले के बाद उन्हें उम्मीद है कि अब दिल्ली सरकार को भी चलने दिया जाएगा।
 
वहीं दूसरी तरफ बीजेपी नेता और अरुणाचल में पार्टी प्रभारी सुधांशु मित्तल ने कहा है कि राज्य में कांग्रेस के पास बहुमत नहीं है। महज 16 लोगों के साथ कांग्रेस सरकार कैसे बना सकती है? मित्तल ने कहा कि अल्पमत में होने की वजह से कांग्रेस को राज्य में सरकार में बने रहने का कोई हक नहीं है।
 
इस बीच अरुणाचल में कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री रहे नबाम टुकी ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि केंद्र सरकार लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकार को पीछे के दरवाजे से गिराने की कोशिश में लगी हुई है। उच्चतम न्यायालय के बुधवार के फैसले ने संविधान की रक्षा की है। कांग्रेस के विधायक आपसी कलह की वजह से नहीं बल्कि भाजपा के भड़काने की वजह से बागी हुए हैं और इस फैसले के बाद सभी वापस आ जाएंगे।
 
उच्चतम न्यायालय ने अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल ज्योति प्रसाद राजखोवा के विधानसभा सत्र 1 महीने पहले बुलाने के फैसले को संविधान का उल्लंघन करार देते हुए राज्य में फिर से कांग्रेस की सरकार को बहाल करने का बुधवार को आदेश दिया।
 
शीर्ष अदालत की 5 सदस्यीय संविधान पीठ ने अरुणाचल प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के लिए राज्यपाल के फैसले को गलत ठहराया। संविधान पीठ ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश विधानसभा का सत्र 1 माह पहले बुलाने का राज्यपाल का फैसला संविधान का उल्लंघन है और यह रद्द करने लायक है। 
 
संविधान पीठ ने यह भी कहा कि विधानसभा की कार्यवाही के संचालन से जुड़ा राज्यपाल का निर्देश संविधान का उल्लंघन है। इसने कहा कि राज्यपाल के 9 दिसंबर 2015 के आदेश का पालन करने के मद्देनजर विधानसभा द्वारा उठाए गए सभी कदम और फैसले दरकिनार करने लायक हैं।
 
संविधान पीठ के पांचों न्यायाधीश ने राजखोवा के फैसले को रद्द करने का निर्णय एकमत से लेते हुए राज्य में 15 दिसंबर 2015 से पहले वाली स्थिति कायम रखने के निर्देश दिए हैं।
 
गौरतलब है कि कांग्रेस के बागी नेता कालिखो पुल ने भाजपा की मदद से राज्य में सरकार बनाई थी। कांग्रेस के बागी विधायकों ने भाजपा के साथ मिलकर मुख्यमंत्री नबाम टुकी को हटा दिया था जिसके बाद कांग्रेस ने शीर्ष अदालत की शरण ली थी। (वार्ता) 
 

वेबदुनिया पर पढ़ें