उन्होंने ट्वीट किया, नड्डा जी, आप रोजाना जिस तरह की टिप्पणी कर रहे हैं उससे आप दुर्भावना से ग्रसित एक भाजपा प्रवक्ता प्रतीत होते हैं। अगर भाजपा और मोदी सरकार ने चीन से लड़ने और हमारे शस्त्र बलों का सहयोग करने में ऊर्जा लगाई होती तो आपको चीनी घुसपैठ पर देश को गुमराह करने के लिए झूठ बोलने की जरूरत नहीं पड़ती।
सुरजेवाला ने कहा, नड्डा जी, कृपया जवाब दीजिए कि क्या हमारे 15 लाख सशस्त्र बलों और 26 लाख सैन्य पेंशनभोगियों का 11,000 करोड़ रुपए का महंगाई भत्ता काटना ही मोदी सरकार की ओर से उत्साह बढ़ाने का कदम है?उन्होंने सवाल किया, क्या पूर्व भाजपा अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी की अध्यक्षता वाली, संसद की प्राक्कलन समिति ने अपनी रिपोर्ट में नहीं कहा था कि रक्षा खर्च 56 वर्षों के न्यूनतम स्तर पर चला गया है?
क्या मोदी सरकार इसी तरह हमारे सशस्त्र बलों का मनोबल बढ़ाती है?पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा, इस सरकार की आदत रही है कि जब उससे कठिन प्रश्न पूछा जाए तो वे सवाल पूछने वाले पर हमला करते हैं। राहुल गांधी विपक्ष के एक नेता की हैसियत से सवाल पूछे रहे हैं। आप हेडलाइन मैनेजमेंट का सहारा क्यों ले रहे हैं? सरकार को अब अपनी तरकीब बदलनी चाहिए।
उन्होंने कहा, सरकार को समझना चाहिए कि हेडलाइन मैनेजमेंट की एक सीमा होती है। आप तथ्यों के बारे में बात करिए।राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए भाजपा अध्यक्ष नड्डा ने सोमवार को कहा कि वायनाड से सांसद रक्षा मामलों की, संसद की स्थाई समिति की एक भी बैठक में शामिल नहीं हुए, लेकिन देश का मनोबल गिराने और सशस्त्र बलों के शौर्य पर सवाल उठाने का काम लगातार कर रहे हैं।