अल जाबेर ने यहां चौथी जी-20 पर्यावरण और जलवायु स्थिरता कार्य समूह और मंत्रिस्तरीय बैठक में कहा, एक समूह के रूप में जी-20 विश्व के सकल घरेलू उत्पाद का 85 प्रतिशत और विश्व के 80 प्रतिशत उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार है। आप जो निर्णय लेते हैं उसका हर किसी के लिए, हर जगह के नतीजों पर बहुत व्यापक प्रभाव पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि कई संकेतक गलत दिशा में जा रहे हैं। जाबेर ने कहा, तापमान के रिकॉर्ड लगातार टूट रहे हैं, इस महीने को आधिकारिक तौर पर इतिहास में सबसे गर्म महीने के रूप में दर्ज किया गया है। हम जैव विविधता खो रहे हैं। कृषि भूमि का क्षरण हो रहा है और खाद्य असुरक्षा बढ़ रही है।
उन्होंने वैश्विक स्वास्थ्य प्रणालियों को लचीलापन बनाने के लिए सभी जी-20 देशों को इसमें भागीदार बनने के लिए आमंत्रित किया। अपनी यात्रा के दौरान, अल जाबेर ने कॉप-28 की राह पर आम सहमति बनाने के लिए प्रमुख पर्यावरण और जलवायु मंत्रियों के साथ रणनीतिक द्विपक्षीय बैठकें कीं।
उन्होंने जापान के पर्यावरण मंत्री अकिहिरो निशिमुरा, ब्राजील की पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मरीना सिल्वा, जलवायु के लिए अमेरिका के विशेष दूत जॉन केरी, अंतरराष्ट्रीय जलवायु नीति के लिए जर्मनी के विशेष प्रतिनिधि जेनिफर मॉर्गन और भारत के केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव से भी मुलाकात की।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)