पिछले दिनों भार्गव ने कहा था कि कोवैक्सीन सार्स-सीओवी-2 के स्वरूपों- अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा के खिलाफ प्रभावी है। तीसरे फेज के ट्रायल में को-वैक्सीन 77.8% तक असरदार पाई गई है। कोवैक्सीन पारंपरिक तरीके से बनी है। इसमें डेड वायरस को शरीर के अंदर डाला जाता है, जिससे शरीर वायरस को पहचानने और उसके खिलाफ एंटीबॉडी बनाता है।