अहमदाबाद मौसम केंद्र के निदेशक जयंत सरकार ने बुधवार को बताया कि अब इसने अति गंभीर च्रकवाती तूफान का स्वरूप ले लिया है। सुबह यह गुजरात के वेरावल तट से लगभग 340 किमी दक्षिण में स्थित था। यह गुरुवार को सुबह पोरबंदर से महुवा के बीच वेरावल के आसपास जमीन से टकराएगा। उस समय इसकी गति पूर्व के अनुमानित 110 से 120 किलोमीटर प्रतिघंटा की तुलना में और अधिक 145 से 155 किमी प्रति घंटा रहने की संभावना है तथा इसके साथ कभी-कभी पवन की गति 175 किमी प्रति घंटा तक पहुंच जाएगी।
सभी प्रभारी मंत्रियों को उनके जिलों में रहने की ताकीद की गई है। इसके अलावा सभी सरकारी अधिकारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। हजारों की संख्या में मछुआरों की नौकाएं वापस लौट आई हैं, जबकि घोघा और दाहेज के बीच खंभात की खाड़ी में चलने वाली रो-रो फेरी सेवा को से तीन दिन के लिए बंद कर दिया गया है।
गौरतलब है कि इससे पहले दो बार ऐसे तूफानों की चेतावनी अंत में फुस्स साबित हुई थी। वर्ष 2014 के अक्टूबर में नीलोफर तूफान और 2017 दिसंबर में ओखी तूफान गुजरात तट से टकराते समय महज निम्न दबाव के मामूली क्षेत्र में तब्दील हो गए ते। इनसे कोई नुकसान नहीं हुआ था जबकि इससे पहले इनसे निपटने के लिए व्यापक तैयारी की गई थी और सेना के तीनो अंगों को भी तैयार रखा गया था।