महिलाओं को हर क्षेत्र में आगे बढ़ाने के दावों के बीच कामकाजी महिलाओं की संख्या में भी काफी कमी दर्ज होना चौंकाने वाली बात है। वर्ष 2004-05 में रोजगार में लगी महिलाओं का प्रतिशत 36 था जो 2015-16 में कम होकर 24 प्रतिशत रह गया। पति के मुकाबले ज्यादा कमाने वाली महिलाओं का प्रतिशत दोगुना होकर 21 से 42 पर पहुंच गया। गर्भनिरोधक पर फैसला लेने में महिलाओं की भागीदारी 93 प्रतिशत से कम होकर 91 प्रतिशत पर आ गई। (वार्ता)