Trending: वकील दीपिका राजावत को अरेस्ट करने के लिए चला ट्रेंड, नवरात्रि को लेकर किया था यह फोटो ट्वीट
मंगलवार, 20 अक्टूबर 2020 (13:17 IST)
आखिर कौन है दीपिका राजावत, कब आई थी मीडिया के सुर्खियों में
सोशल मीडिया पर कश्मीरी वकील दीपिका राजावत को गिरफ्तार करने की मांग की जा रही है, ट्विटर पर #Arrest_Deepika_Rajawat ट्रेंड कर रहा है, इस ट्रेड के माध्यम से लोग दीपिका के खिलाफ ट्वीट कर रहे हैं, इस ट्रेंड पर अब तक कई हजार ट्वीट्स हो चुके हैं।
#Arrest_Deepika_Rajawat ट्रेंड पर लोग ताबड़तोड़ ट्वीट कर रहे हैं। खासतौर से हिंदू समुदाय के लोग दीपिका से खासे नाराज हैं।
दरअसल कश्मीरी वकील दीपिका सिंह राजावत ने अपने ट्विटर हैंडल से एक तस्वीर शेयर की है। उन्होंने जो तस्वीर शेयर की है उसमें एक तरफ सामान्य दिनों में एक पुरुष को महिला के नग्न पैरों को एक दूसरे से दूर करते दिखाया गया तो दूसरी तरफ नवरात्रि के दिनों में महिला को देवी के रूप में दिखाकर एक पुरुष को पूजा करते हुए दिखाया है।
इस तस्वीर से सोशल मीडिया में यह मैसेज जा रहा है कि पुरुष आम दिनों में महिलाओं का शोषण करता है और नवरात्रि के दिनों में औरत को देवी मानकर उसकी पूजा करने का ढोंग करता है।
तस्वीर शेयर करने के बाद लोगों में आक्रोश फेल गया है। इससे न सिर्फ नवरात्रि में देवी की पूजा करने वाले अपमानित हुए हैं बल्कि तस्वीर के माध्यम से उन्हें बलात्कारी बताने का घिनौना प्रयास किया है।
— Deepika Singh Rajawat (Kashir Koor) (@DeepikaSRajawat) October 19, 2020
आखिर कौन हैं दीपिका रजावत
दीपिका राजावत एक कश्मीरी वकील हैं, वे कठुआ कांड के बाद सुर्ख़ियों में आई थी, जनवरी 2018 में कथित तौर पर एक नाबालिग का बलात्कार हुआ था, पीड़िता की तरफ से दीपिका राजावत वकील थी, लेकिन पीड़ित परिवार ने दीपिका को केस से हटा दिया था। पीड़ित परिवार ने वकील दीपिका राजावत को केस से हटाने के लिए पठानकोट हाईकोर्ट में याचिका लगायी थी, जिसको कोर्ट ने स्वीकार कर लिया था, उस समय पीड़ित परिवार ने वकील दीपिका राजावत पर आरोप लगाया था कि वो वकील के नाम पर सिर्फ इस मामलें में पब्लिसिटी ले रही हैं, जबकि उनकी केस में कोई रूचि नहीं है और अदालत में भी नहीं आती हैं।
कठुआ काण्ड में जेएनयू के आजादी गैंग और टुकड़े-टुकड़े गैंग ने करोड़ों रूपए का चंदा वसूला था, मीडिया रिपोर्ट में दीपिका राजावत भी इसी गैंग की सदस्य बताई जाती है। कठुआ कांड में पीड़ित परिवार को जब इसकी जानकारी लगी तो उन्हें लगा कि वह सिर्फ लोकप्रियता के लिए केस में बयान दे रही है, जबकि केस लडने में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है। इसलिए परिवार ने उन्हें वकील के तौर पर अपने केस से हटा दिया था।