अदालत ने पूछा, फेसबुक-यूट्यूब के साथ अनुबंधों को क्यों छुपाया जा रहा है...

बुधवार, 7 अक्टूबर 2015 (21:48 IST)
नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को केंद्र सरकार से पूछा कि वह फेसबुक व यूट्यूब जैसी सोशल मीडिया साइटों के साथ हुए अपने अनुबंधों को ‘छुपा’ क्यों रही है और पांच महीने पहले आदेश देने के बावजूद उन्हें अदालत में दाखिल क्यों नहीं किया गया।
 
न्यायाधीश बी डी अहमद तथा न्यायाधीश संजीव सचदेवा की पीठ ने कहा, 'आप अनुबंधों को क्यों नहीं सौंप रहे हैं? आप उन्हें हमसे छुपा क्यों रहे हैं? किस बात का संकोच है? हमारे सात मई 2015 के निर्देश के बाद पांच महीने गुजर गए, आप यह क्यों नहीं कर रहे?'
 
उल्लेखनीय है कि सात मई को केंद्र ने सरकार या सरकारी विभागों की ओर से इंटरनेट को लेकर सोशल मीडिया वेबसाइटों के साथ हुए अनुबंधों को अदालत के समक्ष पेश करने के लिए समय मांगा था। इसके बाद 30 जुलाई को सरकार ने और समय मांगा।
 
अदालत ने आज पूछा, ‘अनुबंधों में क्या लिखा गया है?’ इस पर सरकारी वकील ने कहा कि केंद्र का वेबसाइटों के साथ मानक अनुबंध है और वे खास तरह के अनुबंध नहीं हैं।
 
उल्लेखनीय है कि अदालत पूर्व भाजपा नेता के एन गोविंदाचार्य द्वारा दाखिल एक जनहित याचिका की सुनवाई कर रही है जिसमें उन्होंने सरकारी विभागों द्वारा सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर सवाल उठाया था।
 
अदालत ने मामले की आगे सुनवाई के लिए 28 अक्तूबर की तारीख दी है और सरकार से कहा है कि वह फेसबुक, यूट्यूब व व्हाट्सएप्प के साथ किये गये अपने अनुबंधों को इससे पहले अदालत में दाखिल कर दे। (भाषा)

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