याचिकाकर्ता 30 वर्षीय एक महिला हैं, एम्स ने इस योजना के तहत उनके वित्तीय मदद के अनुरोध को राशन कार्ड न होने की वजह से खारिज कर दिया था। अदालत ने पाया कि बिना राशनकार्ड के याचिकाकर्ता को आरएएन योजना का लाभ नहीं मिल सकता जिससे कि योजना का मकसद ही विफल हो जाएगा।