डेलायट टच तोहमात्सु इंडिया एलएलपी के सर्वेक्षण के अनुसार 53 प्रतिशत लोगों की राय है कि इस बार कॉर्पोरेट कर की दरों को कम किया जाएगा। डेलायट ने कहा कि सरकार ने कालेधन पर अंकुश के लिए जो सख्त कदम उठाए हैं, उसके मद्देनजर यह कर दरों को कम करने का उपयुक्त समय है। बीते वित्त वर्ष में सरकार की कुल प्राप्तियों में कॉर्पोरेट कर की हिस्सेदारी 19 प्रतिशत थी, वहीं आयकर प्राप्तियों का हिस्सा 14 प्रतिशत रहा।
डेलायट ने कहा कि 40 प्रतिशत लोगों की राय है कि कर प्रोत्साहनों को पूरी तरह समाप्त किया जाना एक अच्छा उपाय है और इससे मुकदमेबाजी कम होगी, हालांकि इतनी ही संख्या में लोगों का मानना है कि लाभ आधारित कर प्रोत्साहन जारी रहने चाहिए, क्योंकि ये बुनियादी ढांचा क्षेत्र की वृद्धि के लिए जरूरी हैं।
दिलचस्प यह है कि 15 प्रतिशत लोगों ने कहा कि बुनियादी ढांचा क्षेत्र के लिए प्रोत्साहनों को समाप्त करने के बजाय इन्हें निवेश आधारित कर प्रोत्साहन के रूप में जारी रखा जाना चाहिए। अधिकांश यानी 66 प्रतिशत लोगों की राय थी कि नोटबंदी का लाभ विकास खर्च पर केंद्रित होगा जिससे अर्थव्यवस्था की निवेश मांग को पूरा किया जा सके। रीयल एस्टेट क्षेत्र के बारे में सर्वेक्षण में कहा गया है कि कुछ समय के लिए मांग प्रभावित रहेगी लेकिन कम लागत वाले सस्ते मकानों से इस क्षेत्र की वृद्धि को प्रोत्साहन मिलेगा।