रिपोर्ट के मुताबिक, सर्वेक्षण के दौरान सार्वजनिक सेवाओं के लिए रिश्वत देने में लोगों के अनुभव के आधार पर कर्नाटक ने भ्रष्ट राज्यों की सूची में सबसे पहले स्थान हासिल किया है। इसके बाद आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, जम्मू और कश्मीर और पंजाब का नंबर आता है।
देश के 20 राज्यों में कराए गए इस सर्वे के मुताबिक, हिमाचल प्रदेश, केरल और छत्तीसगढ़ सबसे कम भ्रष्ट राज्यों में हैं। सर्वेक्षण के दौरान शहर और गांव के करीब तीन हजार लोगों की राय ली गई। ज्यादातर लोगों ने माना है कि नवंबर में हुए नोटबंदी के बाद सार्वजनिक सेवाओं में भ्रष्टाचार कम हुआ है।
रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2017 में 20 राज्यों और 10 सार्वजनिक सेवाओं के लिए दिया गया कुल रिश्वत 6350 करोड़ था जबकि 2005 में यह 20,500 करोड़ था। इस सर्वेक्षण में कहा गया है कि सार्वजनिक सेवाओं में भ्रष्टाचार को कम करने के लिए अभी काफी कुछ किया जाना बाकी है।