एक आधिकारिक आदेश में आज कहा गया कि पंचकूला के डीसीपी, आईपीएस अधिकारी अशोक कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। पंचकूला की एक विशेष सीबीआई अदालत ने कल डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को बलात्कार के एक मामले में दोषी करार दिया था जिसके बाद डेरा अनुयायियों ने जमकर उत्पात मचाया। पंचकूला में इस हिंसा में कम से कम 29 लोग मारे गए और 250 घायल हो गए।
निवास ने कहा कि पुलिस उपायुक्त (पंचकूला) द्वारा धारा 144 के तहत जारी की गई दोषपूर्ण निषेधाज्ञा के कारण ही बड़ी संख्या में डेरा अनुयायी पंचकूला आने में सफल रहे। उनसे पूछा गया था कि मनोहरलाल खट्टर के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने पंचकूला में डेरा अनुयायियों को इतनी ‘बड़ी संख्या में जमा होने’ क्यों दिया जब यह आशंका थी कि 2002 के बलात्कार मामले में डेरा प्रमुख राम रहीम के खिलाफ फैसला आने पर स्थिति बेकाबू हो सकती है।
उन्होंने कहा कि ‘इसमें पांच या उससे ज्यादा लोगों के जमा होने पर रोक का उल्लेख नहीं था।’’ अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि ‘जब मैं 24 अगस्त को पंचकूला गया तो मैंने पता किया कि इतनी बड़ी संख्या में डेरा अनुयायियों को पंचकूला में आने क्यों दिया गया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे बताया गया कि सीआरपीसी की धारा 144 के तहत जारी किए गए आदेश में पांच या उससे ज्यादा लोगों के जमा होने को लेकर कुछ नहीं कहा गया और इस वजह से सुरक्षाकर्मी डेरा अनुयायियों को पंचकूला आने से रोक नहीं पाए। पंचकूला के डीसीपी ने एक दोषपूर्ण आदेश जारी किया था। निवास ने कहा कि तब तक बड़ी संख्या में डेरा अनुयायी पहुंच चुके थे। (भाषा)