प्रधान ने प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक प्रश्न के उत्तर में बताया कि पहले 2030 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथेनॉल मिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था लेकिन अब इसे 2025 में ही प्राप्त कर लेने का निर्णय किया गया है। इसके लिए समुचित उपाय किए जा रहे हैं। पहले एथेनॉल के उपयोग की अनदेखी की गई जिससे कच्चे तेल का आयात बढ़ता गया। सरकार ने इस पर गंभीरता से प्रयास शुरू कर दिए हैं जिससे पेट्रोल में एथेनॉल मिलाने का प्रतिशत निरंतर बढ़ रहा है। वर्ष 2014 में 0.67 प्रतिशत ही एथेनॉल पेट्रोल में मिलाया जाता था।
उन्होंने बताया कि पेट्रोल में एथेनॉल मिलाने का प्रतिशत बढ़ाने से न केवल कच्चे तेल के आयात में कमी आएगी बल्कि देश में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। गन्ना उत्पादन बढ़ेगा और उसकी बेहतर कीमत किसानों को मिलेगी जिससे उनकी आय में इजाफा होगा। चावल और मक्का से भी एथेनॉल निकालने के प्रयास बढ़ाए जा रहे हैं और आगामी दिनों में इसके अच्छे नतीजे देखने को मिलेंगे। (वार्ता)