राजस्थान के पाली के वकील शमशेर सिंह राजपुरोहित को मई 1996 में गुजरात के बनासकांठा की पुलिस ने पालनपुर के एक होटल से एक किलो अफीम की बरामदगी के मामले में पकड़ा था, पर होटल के मैनेजर ने उन्हें पहचानने से इंकार कर दिया, जिसके बाद उन्हें छोड़ दिया गया।
राजस्थान की अदालत ने इस मामले में गुजरात पुलिस की कार्रवाई को गलत बताया था। बाद में सेवानिवृत्त हो गए जज जैन ने 1998 में गुजरात हाईकोर्ट में एक मामला दायर कर पूरे प्रकरण की जांच करने की मांग की। उन्होंने राजस्थान की अदालत और पुलिस पर वहां के तत्कालीन मुख्यमंत्री और अधिवक्ता संघ के दबाव में काम करने का आरोप लगाया था।
गुजरात हाईकोर्ट के न्यायाधीश आरबी पारडीवाला ने गत जून माह में इस मामले की तेजी से जांच करने के आदेश सीआईडी क्राइम को दिए थे। ज्ञातव्य है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी पर गुजरात दंगों में पुलिस को दंगाइयों के प्रति नरम रुख अपनाने के आदेश देने के आरोप लगाने वाले भट्ट को पुलिस ने बुधवार को ही पकड़ा है।