कश्मीर मामले पर मध्यस्थता को उतावले Donald Trump, पाकिस्तान को बताया था अच्‍छा दोस्त

बुधवार, 21 अगस्त 2019 (08:29 IST)
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कश्मीर मामले पर फिर मध्यस्थता की इच्छा जताई है। अमेरिकी राष्ट्रपति का कहना है कि कश्मीर को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच विस्फोटक स्थिति है। ट्रंप ने पाकिस्तान को अच्छा दोस्त बताया था।
 
ट्रंप पेरिस में 24 अगस्त से होने वाले G7 सम्मेलन में कश्मीर मामले पर पीएम मोदी से बात कर सकते हैं। ट्रंप ने कहा कि कश्मीर एक जटिल मुद्दा है। दोनों देशों के बीच तनाव खत्म होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कश्मीर पर जितना हो सकेगा उतना करूंगा। फ्रांस के राष्ट्रपति भी कश्मीर मुद्दे पर पीएम मोदी से बात कर सकते हैं।
 
प्रधानमंत्री इमरान खान के लगातार भारत विरोधी बयानों के बीच सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच टेलीफोन पर 30 मिनट तक बात हुई थी। पीएम मोदी ने डोनाल्ड ट्रंप से बातचीत के दौरान नाम लिए बिना कहा था कि इलाके के कुछ नेता भड़काऊ बयान देकर माहौल खराब कर रहे हैं। इसके बाद ट्रंप ने इमरान खान से बात की थी। 
दोनों से बात करने के बाद ट्रंप ने ट्‍वीट किया था, जिसमें उन्होंने पाकिस्तान को दोस्त बताया था। ट्रंप ने अपने ट्‍वीट में कहा था कि अपने दो अच्छे दोस्तों के साथ बात की। भारत के पीएम मोदी और पाकिस्तान के पीएम इमरान खान। ट्रेड, रणनीतिक साझेदारी और पाकिस्तान और भारत के लिए सबसे जरूरी कश्मीर में जारी तनाव को कम करने पर बातचीत हुई। एक मुश्किल हालात, लेकिन अच्छी बातचीत। 
 
इमरान ने की मध्यस्थता की मांग : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सामने इमरान खान ने फिर से कश्मीर का दुखड़ा रोया था। पाकिस्तान ने अमेरिका से कश्मीर मुद्दे पर दखल की मांग की थी। खबरों के अनुसार इमरान खान ने राष्ट्रपति ट्रंप से 12 मिनट बातचीत की। इमरान ने ट्रंप से कहा कि वे कश्मीर मुद्दे में दखल दें।
 
भारत को दुनिया की दो टूक : भारत ने दृढ़ता से अंतरराष्ट्रीय समुदाय को कहा है कि संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाकर जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को वापस लेना उसका आंतरिक मामला है और उसने पाकिस्तान को भी इस हकीकत को स्वीकार की सलाह दी है। 
 
अमेरिकी राजनयिक ने बताया आतंरिक मामला : अमेरिका के एक वरिष्ठ राजनयिक ने मंगलवार को कश्मीर मुद्दे पर ट्रंप प्रशासन की ओर से किसी भी तरह की मध्यस्थता से इनकार किया और कहा कि जम्मू-कश्मीर पर भारत सरकार ने हाल में जो फैसला लिया है वह उसका आंतरिक मामला है।

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