एजेंसी के मुताबिक, यह जब्ती विदेशी मुद्रा प्रबंधन कानून,1999 की धारा 37ए के तहत की गई है। भंडारी ने विदेशों में अपनी पत्नी के नाम तथा अन्य कंपनियों में अघोषित राशि का निवेश किया था। इस मामले में निदेशालय ने अपनी जांच में पाया कि प्रथम दृष्टया यह पाया गया कि भंडारी ने भारत से बाहर 150 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति हासिल कर रखी थी, जो इस कानून का उल्लंघन है।
इससे पहले निदेशालय के एक शीर्ष अधिकारी ने दावा किया था कि भंडारी ने कर चोरी के मकसद से भारतीय कराधान एजेंसियों के समक्ष विदेशों में अपनी संपत्ति का खुलासा नहीं किया था। जब्त की गई संपत्ति में संयुक्त अरब अमीरात में विदेशी बैंक खातों में अघोषित जमा राशि और यहां उसके स्वामित्व वाली कईं कंपनियां शामिल हैं। (वार्ता)