देश भर के केंद्रीय श्रमिक संगठनों के संयुक्त मोर्चा ने इस देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया हुआ है। यह हड़ताल कर्मचारियों, किसानों एवं आम आदमी के खिलाफ सरकार की कथित गलत नीतियों के विरोध में बुलाई गई है।
इसके जरिये श्रमिक संगठनों ने श्रम कानूनों को वापस लेने, निजीकरण की किसी भी योजना को खारिज करने, राष्ट्रीय मौद्रीकरण पाइपलाइन को बंद करने, मनरेगा के तहत आवंटन बढ़ाने और ठेके पर काम करने वाले कर्मचारियों को स्थायी करने की मांग प्रमुखता से रखी है।
अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (AIBEA) के महासचिव सी एच वेंकटचलम ने कहा कि हड़ताल के पहले दिन कर्मचारियों के मौजूद नहीं रहने से देश भर में करीब 18,000 करोड़ रुपए मूल्य के 20 लाख चेकों का निस्तारण नहीं हो पाया। भारतीय बैंक कर्मचारी महासंघ (BEFI) और अखिल भारतीय बैंक अधिकारी संघ (एआईबीओए) भी इस हड़ताल का हिस्सा है।