सरकार पर असर नहीं : यदि आप के इन विधायकों की सदस्यता रद्द भी कर दी जाती है तो भी केजरीवाल सरकार की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ेगा। क्योंकि 70 सदस्यीय विधानसभा में केजरीवाल के 66 विधायक हैं और यदि 20 की सदस्यता रद्द भी हो जाती है तो उसके विधायकों की संख्या 46 रहेगी, जबकि बहुमत के लिए 36 विधायकों की जरूरत है।
इस बीच, खबर है कि पार्टी इस फैसले को अदालत में चुनौती देगी। दअरसल, यह पूरा मामला विधायकों को संसदीय सचिव बनाने से जुड़ा हुआ है और यह लाभ का पद है।
ये हैं 20 विधायक : प्रवीण कुमार (जंगपुरा), शरद कुमार (नरेला), आदर्श शास्त्री (द्वारका), मदनलाल (कस्तूरबा नगर), शिवचरण गोयल (मोतीनगर), अनिल कुमार बाजपेयी (गांधीनगर), सोम दत्त (सदर बाजार), अवतारसिंह (कालकाजी), विजेन्दर गर्ग (राजेन्द्र नगर), जरनैल सिंह (राजौरी गार्डन), संजीव झा (बुराड़ी), सरिता सिंह (रोहितासनगर), रमेश यादव (महरौली), राजेश ऋषि (जनकपुरी), राजेश गुप्ता (वजीरपुर), कैलाश गहलोत (नजफगढ़), अलका लांबा (चांदनी चौक), नितिन त्यागी (लक्ष्मीनगर), मनोज कुमार (कोंडली), सुखवीरसिंह (मूंडका)।