नई दिल्ली। संसद में बुधवार को पेश किए गए आम बजट में देश के प्रौद्योगिकी एजेंडा को आगे बढ़ाने और डिजिटल बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की रूपरेखा पेश की। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए केंद्रीय बजट पेश करते हुए जोर दिया कि वैश्विक स्तर पर भारत के बढ़ते कद का कारण आधार, को-विन और यूपीआई जैसी कई उपलब्धियों वाले अद्वितीय विश्वस्तरीय डिजिटल लोक अवसंरचना हैं।
वित्तमंत्री ने अपने बजट भाषण में तकनीकी बुनियादी ढांचे और डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र के साथ-साथ कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और 5जी जैसे नए युग के क्षेत्रों में कदमों की भी चर्चा की। बजट में कैमरे के लेंस जैसे कुछ पुर्जों और कच्चे माल के आयात पर सीमा शुल्क राहत के माध्यम से मोबाइल फोन निर्माण में घरेलू मूल्य वर्धन को बढ़ावा देने का भी प्रस्ताव है।
उन्होंने कहा, अमृत काल के लिए हमारी दृष्टि में मजबूत सार्वजनिक वित्त और मजबूत वित्तीय क्षेत्र के साथ प्रौद्योगिकी संचालित और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था शामिल है। उन्होंने कहा कि स्टार्ट-अप और शिक्षाविदों द्वारा नवाचार एवं अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए एक राष्ट्रीय डेटा प्रशासन नीति लाई जाएगी।
उन्होंने कहा, डिजिटल भुगतान को व्यापक स्तर पर स्वीकृति मिल रही है। 2022 में ऐसे लेनदेन में 76 प्रतिशत और मूल्य में 91 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इस डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के लिए वित्तीय समर्थन 2023-24 में भी जारी रहेगा।
वित्तमंत्री ने कहा कि चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम सहित सरकार के विभिन्न कदमों के परिणामस्वरूप, भारत में मोबाइल फोन का उत्पादन 31 करोड़ इकाई हो गया, जिसका मूल्य 2,75,000 करोड़ रुपए से अधिक है। 2014-15 में इसकी संख्या 5.8 करोड़ यूनिट और मूल्य करीब 18900 करोड़ रुपए था।
उन्होंने कहा कि मोबाइल फोन के निर्माण में घरेलू मूल्यवर्धन को और बढ़ावा देने के लिए, कैमरा लेंस जैसे कुछ पुर्जों और कच्चा माल के आयात पर सीमा शुल्क में राहत और लिथियम-आयन बैटरी पर एक और साल के लिए रियायती शुल्क जारी रखने का प्रस्ताव किया गया है।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)