उन्होंने कहा कि हाथियों को जंगलों में रखना पड़ता है जिसके लिए चारा और पानी बढ़ाने का कार्यक्रम शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि अगले साल से परिणाम दिखना शुरू हो जाएंगे। इंसानों एवं हाथियों के बीच होने वाले संघर्ष में मरने वालों का आंकड़ा देते हुए अतिरिक्त वन महानिदेशक सौमित्र दासगुप्ता ने कहा कि सैकड़ों हाथी इंसानों के संपर्क में आते हैं।
दासगुप्ता ने कहा, इस संघर्ष में हर साल 500 से अधिक लोगों की मौत हो जाती है, जबकि 100 से अधिक हाथियों की भी जान चली जाती है।उन्होंने बताया कि पिछले पांच साल में हाथी संरक्षण के कई कार्यक्रम चलाए गए हैं।(भाषा)