Everyone laughed after listening to Jagdeep Dhankhar in Rajya Sabha : राज्यसभा में गुरुवार को पूरे सदन में उस समय हंसी की लहर दौड़ गई जब सभापति जगदीप धनखड़ ने कुछ सदस्यों द्वारा शेर सुनाए जाने की ओर परोक्ष संकेत करते हुए वित्तमंत्री से पूछा कि क्या वह सदन में शेरो-शायरी सुनाने पर टैक्स लगाए जाने की संभावना पर गौर कर सकती हैं।
मैं बेपनाह अंधेरे को सुबह कैसे कहूं,
मैं इन नज़ारों का अंधा तमाशबीन नहीं हूं।
धनखड़ ने सुरजेवाला को बीच में रोकते हुए सदन में मौजूद वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण से कहा कि क्या वह इस बात का गंभीरता से परीक्षण कर सकती हैं कि जिस प्रकार कांग्रेस सदस्य इमरान प्रतापगढ़ी बार-बार शेर सुना रहे हैं, क्या उस पर टैक्स लगाया जा सकता है? उन्होंने कहा कि ऐसा (किसी सदस्य द्वारा सदन में शेर सुनाया जाना) दिन में छठी बार हो रहा है।
जब वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया : सभापति के इतना कहते ही सदन में हंसी की लहर दौड़ पड़ी। वित्तमंत्री सीतारमण ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, यदि सदन इस बात के लिए सहमत हो और यदि ऐसी सदन की भावना हो तो क्यों नहीं? थोड़ा और राजस्व...।