राष्ट्रपति चुनाव में आज विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने अपना नामांकन भर दिया। यशवंत सिन्हा के नामांकन में विपक्ष ने अपनी एकजुटता का प्रदर्शन भी किया। यशवंत सिन्हा के नामांकन में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव,एनसीपी के नेता शरद पवार समेत वामदलों के नेता भी शामिल हुए। विपक्ष ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को अपना साझा उम्मीदवार बनाया है, जिनका सीधा मुकाबला NDA की उम्मीदवार द्रौपदी मूर्मु से है।
राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के साझा उम्मीदवार यशवंत सिन्हा से वेबदुनिया के पॉलिटिक्ल एडिटर विकास सिंह ने खास बातचीत की।
प्रश्न-आप राष्ट्रपति चुनाव क्यों लड़ रहे हैं?
उत्तर-(हंसते हुए) पहले आप यह बताएं क्यों नहीं लड़ना चाहिए। सब लोगों ने मिलकर तय किया है कि लड़ना चाहिए तो मैं राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए तैयार हो गया।
प्रश्न- राष्ट्रपति चुनाव में संख्या बल आप के पक्ष में नहीं दिखाई दे रहा था फिर भी आप उम्मीदवार बनने को तैयार हो गए क्याों?
उत्तर-(फिर हंसते हुए जवाब) आप सभी लोग अभी से इस नतीजे पर पहुंच गए हैं कि नबंर नहीं है। राष्ट्रपति चुनाव में की यह एक ऐसी परस्थिति है जो दिन प्रतिदिन बदलती है। अभी चुनाव में बहुत वक्त है स्थिति फिर बदलेगी। दूसरी बात यह है कि यह एक विचारधारा की लड़ाई है सिर्फ संख्या बल की नहीं।
प्रश्न-आप अपने सियासी सफर को कैसे देखते है?
उत्तर-मैं प्रशासनिक सेवा में आने से पहले पटना विश्वविद्य़ालय में दो वर्ष तक शिक्षक था। उसके बाद बाद प्राशसनिक सेवा में आया, फिर राजनीति में आय़ा और लंबा समय राजनीति में रहा। मेरा एक लंबा अनुभव है और मेरे अनुभव का कोई भी व्यक्ति इस वक्त भारत की राजनीति में नहीं है।
प्रश्न- NDA के गठन में आपकी एक अहम भूमिका थीl क्या आप NDA में शामिल दलों से भी समर्थन मांगेंगे?
उत्तर-निश्चित तौर पर NDA में शामिल सभी दलों से समर्थन मांगूंगा। NDA में शामिल दलों के साथ-साथ भाजपा से भी समर्थन मांगूंगा। राजनाथ सिंह से भी अपने लिए समर्थन मांगूंगा।
प्रश्न-राष्ट्रपति चुनाव में क्या आप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से समर्थन मांगेंगे?
उत्तर-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए समय मांगा है। अब तक जवाब नहीं मिला है। फिर भी बात करने की कोशिश करूंगा और उनसे समर्थन मांगूंगा।
प्रश्न-राष्ट्रपति चुनाव में आपके नाम पर ही क्या पूरा विपक्ष एक साथ आया?
उत्तर-राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्षी दलों ने एकजुट होकर साझा उम्मीदवार तय किया है यह एक बहुत बड़ी बात है। मैं मानता हूं कि हाल की राजनीति में जो भारत की राजनीति रही है उसमें यह एक नई दिशा आई है।
प्रश्न- राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मूर्म के आने के बाद लड़ाई कितनी मुश्किल?
उत्तर-पूर विपक्ष एकजुट है। जहां तक मायावती की बात है तो मायावाती कभी शामिल ही नहीं थी।